डॉक्टर ने स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री को कहा इलाज की डिटेल नहीं बता सकते

देहरादून। सबसे बड़े दून अस्पताल में एक गैस्ट्रो सर्जन तक नहीं है। नौबत यह आ गई कि देहरादून से भर्ती पौड़ी के पूर्व विधायक मुकेश कोली को स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के पहुंचने के बाद 13 दिन बाद एम्स रेफर करना पड़ गया। अभी तक सर्जरी विभाग के डॉक्टर ही उनका इलाज कर रहे थे, लेकिन उम्मीद के मुताबिक उन्हें आराम नहीं लग पा रहा था। मंत्री और पूर्व विधायक ने आपस में सलाह मशवरे की तो तब जाकर एम्स में बात की गई। एम्स में अब उनका इलाज होगा। सबसे बड़े अस्पताल में गैस्ट्रो सर्जन में होना चर्चा का विषय बना रहा उधर, एक सर्जन से डॉक्टर के बारे में पूछने पर मंत्री को कह दिया कि उनके अंडर में मरीज भर्ती नहीं है। वह इलाज की डिटेल नहीं बता सकते। इससे पता चलता है कि सर्जरी विभाग के डाक्टरों में कितना समन्वय है। वहीं आयुष्मान के तहत इलाज होने के बाद भी उनकी कई दवाई लोकल पर्चेज कर बाहर से मंगाई जा रही थी। जिससे फार्मेसी विभाग की लापरवाही उजागर होती है। एमएस डॉक्टर केसी पंत का कहना है कि पित्ताशय की पथरी की वजह से पैंक्रियास में सूजन आ गई थी गैस्ट्रो सर्जन उनके यहां नहीं है इसलिए ऐम्स भेजा गया है यदि यह दोबारा आएंगे तो उनका इलाज किया जाएगा। जिन दवाओं के टेंडर हो रखे हैं उन्हें मंगाने के लिए कहा गया है। बता दें कि पूर्व विधायक 28 अप्रैल को यहां पर भर्ती हुए थे उनके पैंक्रियास में संक्रमण था उन्हें पेनक्रियाटाइटिस बीमारी हो गई है। सर्जन डॉक्टर विनम्र मित्तल उनका ईलाज कर रहे थे। पित्त की थैली में पथरी की वजह से यह बीमारी हो जाती है।

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