डीएम ने दिए वन संसाधनों के बेहतर प्रबंधन करने के निर्देश

बागेश्वर। जिलाधिकारी विनीत कुमार ने वन संसाधनों के बेहतर प्रबंधन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करने को भी कहा है। उत्तराखंड वन संसाधन प्रबंधन परियोजना की आयोजित पहली बैठक में डीएम ने विभागों को दिशा-निर्देश भी जारी किए। कलक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीएम ने कहा कि वनों से स्थानीय लोगों को बेहतर रोजगार दिया जा सकता है। इसके लिए प्रभागीय वनाधिकारी आजीविका संवर्धन, ईको रेस्टोरेशन, वाटर कंजर्वेशन के जरिए कृषि, उद्यान, मनरेगा विभाग से समन्वय स्थापित करें। कलस्टरवार जैविक खेती, चालखाल और अन्य फसलों का उत्पादन कराना सुनिश्चित करें। वन पंचायत वार कार्यो की सूची बनाएं। उन्होंने कृषि एवं उद्यान विभाग को वन विभाग की मांग के अनुरूप बीज उपलब्ध कराने, जैविक खेती के प्रमाणीकरण के लिए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। वन विभाग को स्वयं सहायता समूह के सीसीएल बनाने, उनकी कार्य विधि के संबंध में उचित प्रशिक्षण देने को कहा। उन्होंने 2022 तक जायका परियोजना के लक्ष्यों को धरातल पर उतराने के निर्देश दिए। सचिव जिला परामर्शदात्री समिति (जायका) प्रभागीय वनाधिकारी बीएस शाही ने बताया कि जिले में 80 वन पंचायत हैं, जिसमें 164 स्वयं सहायता समूह कार्यरत हैं। तीन स्वयं सहकारिता समूहों कपकोट, धरमघर और बागेश्वर में काम कर रही हैं। परियोजना के माध्यम से कपकोट रेंज के सुमगढ, गांसी, लाहुर, बरमती आदि स्थानों पर हल्दी, मडुवा, चौलाई, बागेश्वर के सिमखोला, धरमघर में लाल चावल, भट्ट, सोयाबीन का उत्पादन हो रहा है। 2579 अखरोट के पौधों का रोपण भी किया गया है। बैठक में अपर परियोजना निदेशक शिल्पी पंत, लीड बैंक अधिकारी एनआर जौहरी, जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह, सरपंच वन पंचायत खूना जीवन सिंह दानू आदि मौजूद थे।

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