
अल्मोड़ा(आरएनएस)। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय परिसर, अल्मोड़ा में दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण एवं समावेशी विकास को लेकर एक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के आयुक्त दिव्यांगजन प्रो. हिमांशु शेखर झा ने विश्वविद्यालय के संकायाध्यक्षों, विभागाध्यक्षों और शिक्षकों से विस्तारपूर्वक चर्चा की। प्रो. बिष्ट ने स्वागत भाषण में प्रो. झा के शैक्षणिक योगदान और उनके प्रशासनिक अनुभवों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका विश्वविद्यालय परिसर में पुनः आगमन प्रेरणादायक है। प्रो. झा ने अपने संबोधन में कहा कि यह परिसर उनका कर्मक्षेत्र रहा है और पूर्व सहयोगियों के बीच लौटना गर्व और आनंद का विषय है। संवाद के दौरान उन्होंने उत्तराखंड में दिव्यांगजनों के हित में चल रही योजनाओं और पहाड़ की भौगोलिक परिस्थितियों में सुगमता लाने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने दिव्यांग हेल्प डेस्क की स्थापना, पाठ्यक्रमों में आरक्षण, शैक्षिक व गैर-शैक्षिक पदों पर दिव्यांगों को प्रतिनिधित्व, सरकारी योजनाओं की पहुँच, शिक्षण संस्थानों में विशेष सुविधाएं, साइन लैंग्वेज का प्रशिक्षण, नवजातों की पूर्व पहचान और दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशीलता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि सुदूरवर्ती पर्वतीय क्षेत्रों में सुगम वातावरण तैयार करना समय की आवश्यकता है, जिसमें सभी शैक्षिक संस्थाओं की भागीदारी जरूरी है। समावेशी शिक्षा और कौशल विकास के लिए उत्तराखंड की बेस्ट प्रैक्टिस साझा करते हुए उन्होंने इन नवाचारों को अन्य राज्यों में भी अपनाने की जरूरत बताई। कार्यक्रम में प्रो. अनिल कुमार यादव, प्रो. अरविंद अधिकारी, प्रो. रिजवाना सिद्दीकी, डॉ. एच. आर. कौशल, डॉ. दीपक, प्रो. रुबीना अमान आदि सहित विश्वविद्यालय के अनेक शिक्षक उपस्थित रहे।