देवप्रयाग के गांवों में पेयजल संकट
नई टिहरी। बीती 11 मई को शांता नदी के उफान से बही मुनेंठ सजवाण कांडा पेयजल योजना की पाइपलाइन की मरम्मत नहीं होने से उससे जुड़े गांवों में पेयजल संकट गहरा गया है। क्षेत्र की जलापूर्ति बन्द होने से गांववासी काफी दूर से पानी ढोने को मजबूर है। ग्रामीणों की परेशानियों को देखते हुए जल संस्थान की ओर से अस्थाई जलापूर्ति करते हुए पेयजल योजना की शीघ्र मरम्मत करने की बात कही है। अतिवृष्टि से बीती 11 मई को शांता नदी में अचानक उफान आ गया था। दशरथ पर्वत से करीब बीस मीटर फैलाव की दस मीटर ऊंची लहरों के सैलाब में बमाणा मोटर मार्ग के पुल सहित तुंणगी, डडाणा की पैदल पुलिया, कई खेत और रास्ते पूरी तरह बह गये। सैलाब के साथ आये भारी बोल्डर और पेड़ों से कई गांवों की पेयजल लाइनें भी उखड़ कर बह गयी। 11 करोड़ की मुनेठ सजवाण कांडा पेयजल योजना को भी इससे काफी क्षति पहुंची। लगभग 2 सौ मीटर लाइन बहने से भटकोट, तुणगी, कोटी, दनसाड़ा, भुइट ग्राम पंचायत सहित नगर के पेट्रोल पंप, क्षेत्र की जलापूर्ति भी ठप पड़ गयी। दस दिन बाद भी पेयजल लाइन की मरम्मत नहीं होने से इन ग्राम पंचायतों के लोग पानी की भारी किल्लत झेलने को मजबूर हैं। जल संस्थान अधिशासी अभियंता नरेश पाल सिंह ने बताया कि आपदा से ध्वस्त पेयजल योजना की मरम्मत का इस्टीमेट प्रशासन को भेजा गया है।