जनगणना 2026 की अधिसूचना जारी: पहली बार होगी डिजिटल और जातिगत गणना, महिला आरक्षण और परिसीमन का रास्ता साफ

नई दिल्ली (आरएनएस)। केंद्र सरकार ने देश की 16वीं जनगणना को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। यह ऐतिहासिक जनगणना दो चरणों में अक्टूबर 2026 और मार्च 2027 के बीच संपन्न होगी। खास बात यह है कि यह भारत की पहली डिजिटल जनगणना होगी और इसमें जातिगत आधार पर भी आंकड़े जुटाए जाएंगे।

गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में जनगणना अक्टूबर 2026 से शुरू होगी। जबकि शेष राज्यों में यह प्रक्रिया मार्च 2027 से आरंभ होगी।

जनगणना के पहले चरण को हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन कहा जाएगा, जिसमें परिवारों की संपत्ति, आमदनी, आवासीय स्थिति और बुनियादी सुविधाओं से जुड़ा डेटा जुटाया जाएगा। दूसरे चरण में जनसंख्या गणना की जाएगी, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति से जुड़ी सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और जनसांख्यिकीय जानकारी एकत्र की जाएगी।

डिजिटल व्यवस्था के तहत घर-घर जाकर गणना तो की जाएगी, लेकिन यह प्रक्रिया टैबलेट और मोबाइल उपकरणों के जरिये होगी। लोगों को ऑनलाइन माध्यम से भी जनगणना में भाग लेने का अवसर मिलेगा।

सरकार ने पहली बार जातिगत जनगणना को भी इस प्रक्रिया में शामिल करने की घोषणा की है, जो लंबे समय से विभिन्न संगठनों और राजनैतिक दलों की प्रमुख मांग रही है।

जनगणना की समय-सीमा तय होने के साथ ही अब महिला आरक्षण विधेयक और परिसीमन की दिशा में भी निर्णायक प्रगति की संभावना बन गई है। जनगणना के बाद सीटों का पुनर्गठन (परिसीमन) होगा, जिसमें राज्यों की लोकसभा और विधानसभा सीटों का पुनः आकलन जनसंख्या के आधार पर किया जाएगा।

केंद्र सरकार ने संकेत दिए हैं कि 2029 के आम चुनाव में यह नया परिसीमन लागू होगा। इसके साथ ही महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण वाला महिला आरक्षण विधेयक भी संसद में लागू किया जाएगा।

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