देश के लिए योगदान देने वाला हर व्यक्ति सैनिक है: राज्यपाल

ऋषिकेश। राष्ट्रीय सैनिक संस्था के अधिवेशन में संस्था ने प्रत्येक अग्निवीर की मां को छत्रपति शिवाजी के जन्मदिन पर जीजाबाई के नाम से एक प्रशस्ति पत्र भेजने का निर्णय लिया है। रविवार को अठूरवाला स्थित एक वेडिंग प्वाइंट में राष्ट्रीय सैनिक संस्था का 16वां राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित हुआ। अधिवेशन में पहुंचे राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने कहा कि सैनिक सिर्फ वही नहीं है, जो सेना में है। बल्कि वह सब सैनिक ही हैं, जो देश को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे रहे हैं। सैनिक शब्द में ही संत, सिपाही और स्कॉलर समाया हुआ है। कहा कि जय हिंद शब्द पूरे देश को एक मुट्ठी से जोड़ता है।
विश्व शांति केंद्र के संस्थापक आचार्य डॉ. लोकेश मुनि ने कहा कि जैसे राजनीतिक दल आपस में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के आधार पर मिलते हैं। उसी आधार पर देश के धर्म गुरुओं को एक मंच पर आकर कॉमन मिनिमम प्रोग्राम स्थापित करना चाहिए और इस प्रोग्राम में पूर्व सैनिकों की भूमिका को भी शामिल करना चाहिए। उन्होंने राष्ट्रीय सैनिक संस्था को एक लाख 11 हजार 11 रुपये दान में दिए।
राष्ट्रीय सैनिक संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी (वीर चक्र) ने कहा कि देश में व्याप्त भ्रष्टाचार भी एक आपदा बन चुका है। इसे कम करने के लिए सैनिकों का सहयोग लेना चाहिए। अधिवेशन में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु, कर्नाटक, उड़ीसा, हरियाणा, बिहार, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र आदि राज्यों से पूर्व सैनिक पहुंचे। अधिवेशन में यह निर्णय लिया गया कि छत्रपति शिवाजी के जन्मदिन पर उनकी मां जीजाबाई के नाम से एक प्रशस्ति पत्र प्रत्येक अग्निवीर की मां को भेजा जाएगा। राष्ट्रीय अधिवेशन में सैनिक संस्था ने दिव्यांग प्रकोष्ठ भी बनाया। इसका अध्यक्ष तेजस्वी शर्मा को बनाया गया। तेजस्वी शर्मा योगा में वर्ल्ड चैंपियन हैं।
कार्यक्रम में पवन चिंतन धारा आश्रम के संस्थापक प्रो. पवन सिन्हा, लेफ्टिनेंट जनरल अश्वनी कुमार बख्शी, लेफ्टिनेंट जनरल शक्ति गुरुंग, मेजर जनरल ओपी सोनी, मेजर जनरल एमएल अग्रवाल, कर्नल एमके शर्मा, प्रो. नीलम पंवार, रामा महाजन, संगीता, श्वेता तलवार, ब्रिगेडियर सुनील, एयर कमांडर सुरेंद्र सिंह, कैप्टन विजेंदर सिंह आदि उपस्थित रहे।