हल्द्वानी से रुद्रपुर तक फीस माफी की मांग को लेकर प्रदर्शन

हल्द्वानी। कोरोना संक्रमण की वजह से उत्पन्न परिस्थितियों के चलते अब स्कूलों के साथ-साथ कॉलेजों में भी फीस माफी की मांग उठने लगी है। पूरे कुमाऊं में लोग फीस माफी की मांग कर रहे हैं। शुक्रवार को एक ओर जहां प्राइवेट स्कूलों में फीस माफी की मांग को लेकर बुद्ध पार्क में अभिभावकों का धरना लगातार 17वें दिन भी जारी रहा वहीं, एबीवीपी ने एमबीपीजी कॉलेज की प्राचार्य को ज्ञापन सौंपकर नए सत्र की फीस माफी की मांग उठाई है। रुद्रपुर में नो स्कूल नो फ़ीस की मांग को लेकर सैकड़ों अभिभावकों ने मानव शृंखला के साथ जुलूस निकालकर मेन बाज़ार में प्रदर्शन किया।

ब्लॉक प्रमुख ने भी दिया अभिभावकों के साथ
बुद्ध पार्क में चल रहे अभिभावकों के धरना प्रदर्शन को ब्लॉक प्रमुख हल्द्वानी रूपा देवी और जिला पंचायत सदस्य दिव्या का भी साथ मिला। दोनों ने धरना भी दिया। इसके अलावा प्राइवेट स्कूलों की फीस माफी को लेकर धरना स्थल पर चल रहे क्रमिक अनशन में केसरिया हिन्दू महासभा के भुवन चंद्र पंत बैठे। यहां पार्षद रोहित कुमार, हेमवती नंदन दुर्गापाल, प्रधान संगठन अध्यक्ष रुक्मणी नेगी, ग्राम प्रधान सचिन कुमार, कुंदन सिंह बोरा, ओम प्रकाश, प्रधान हरेंद्र सिंह बिष्ट, ग्राम प्रधान रोहित बिष्ट, महेश चंद्र, मुकुल बल्यूटिया, तौफीक अहमद, इस्लाम मिकरानी, गुरूप्रीत सिंह प्रिंस, त्रिलोक कठायत, सुशील भट्ट, हेमंत साहू, विवेक तिवारी, देवेंद्र पंत, जीसी जोशी, प्रदीप कश्यप, सुमित कुमार, कुणाल, उज्ज्वल आदि मौजूद रहे।

केवल ट्यूशन फीस ली जाए : एबीवीपी
एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को एमबीपीजी कॉलेज की प्राचार्य डॉ. बीना खंडूड़ी को ज्ञापन सौंपा। कहा कि कोरोना काल में रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। घर चलाना दिनोंदिन मुश्किल हो रहा है। वहीं डिग्री कॉलेजों में नए सत्र की तैयारी हो चुकी है। जिसमें विद्यार्थियों को फीस भरनी जरूरी है। मांग उठाई की नए सत्र में केवल ट्यूशन फीस ही विद्यार्थियों से ली जाए। किसी भी अन्य प्रकार का शुल्क लिए जाने और संगठन आंदोलन करेगा। यहां सुंदर आर्या आदि मौजूद रहे।

मानव श्रृंखला बनाकर किया प्रदर्शन
रुद्रपुर। नो स्कूल नो फ़ीस की माँग को लेकर सैकड़ों अभिभावकों ने मानव शृंखला के साथ जुलूस निकालकर मेन बाज़ार में प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि इस समय जहां पूरा विश्व कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी से त्रस्त है, वहीं हमारा राज्य उत्तराखंड भी इस वैश्विक महामारी से ग्रस्त है। पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष हिमांशु शुक्ला व प्रमोद शर्मा ने सयुंक्त रूप से कहा कि मार्च से निरंतर लॉकडाउन होने के कारण पिछले पाँच माह से सभी शिक्षण संस्थाएं बंद हैं एवं बच्चों को ऑनलाइन पाठ्यक्रम पढ़ाए जा रहे हैं। लॉकडाउन के बाद आम जनमानस जो दैनिक कार्य, व्यवसाय, दुकान, छोटे मोटे उद्योग धंधे चलाकर एवं मेहनत कर अपने परिवारों का भरण पोषण कर रहे थे, उनका लॉकडाउन के कारण अधिकतर कारोबार प्रभावित हुआ है। उनकी दैनिक व मासिक आय समाप्त हो गई है।