गिरफ्तारी की अटकलें तेज, मनीष सिसोदिया पर दर्ज होगा मनी लॉन्ड्रिंग का केस, सीबीआई ने ईडी को सौंपे दस्तावेज

नई दिल्ली (आरएनएस)। आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अब ईडी की भी जद में फंसते नजर आ रहे हैं। दिल्ली के शराब घोटाले मामले में सीबीआई ने तमाम दस्तावेज ईडी को सौंप दिए हैं जिसके बाद अब मनीष सिसोदिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। मामले में ईडी की एंट्री के साथ ही मनीष सिसोदिया की गिरफ़्तारी की भी अटकले तेज हो चुकी हैं।
बता दें कि इससे पहले सीबीआई ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत 14 लोगों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया था। सर्कुलर में उन आरोपियों के नाम हैं, जिनके खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है। हालांकि इसमें मुंबई की एंटरटनेमेंट इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के सीईओ विजय नायर का नाम शामिल नहीं है।
वहीं डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी होने के बाद उन्होंने कहा कि ये क्या नौटकी है? मैं दिल्ली में खुलेआम घूम रहा हूं, बताइए कहां आना है? इससे पहले सिसोदिया ने पीएम मोदी का गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान एक बयान भी शेयर किया है, जिसमें वो सीबीआई की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं।

इतना ही नहीं, ईडी के छापे के बाद डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि जब सीबीआई रेड से कुछ नहीं मिला तो लुक आउट नोटिस जारी कर दिया। मोदी जी को रेड करवाने की बजाय महंगाई और बेरोजगारी पर सोचना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सीबीआई की हकीकत मोदी जी की जुबानी सुनना चाहिए। मेरे घर से एक पैसा नहीं मिला, दफ्तर की फाइल लेकर गए हैं।
मनीष सिसोदिया ने शराब नीति पर कहा कि कोई घोटाला नहीं हुआ, सब बकवास है। सीबीआई जांच की जरूरत ही नहीं है। इसके साथ ही गिरफ्तारी के सवाल पर कहा कि बात घोटाले की नहीं है इसलिए गिरफ्तारी कर लेंगे, घोटाले की चिंता करते तो गुजरात की अवैध शराब की जांच होती। इनकी दिलचस्पी अरविन्द केजरीवाल को रोकने की है।

शराब घोटाले में शुक्रवार सुबह से घमासान मचा हुआ है। सीबीआई ने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर रेड डाली। उनके साथ-साथ कई दूसरे सरकारी अधिकारियों के घर पर भी छापेमारी चली। ये दौर पूरे 14 घंटे तक चलता रहा। इस रेड के दौरान सीबीआई ने कई दस्तावेज जमा किए।
बताया गया कि कुछ तो वो सीक्रट डॉक्यूमेंट्स थे जो किसी भी सरकारी अधिकारी के आवास पर नहीं होने चाहिए थे। जांच का दायरा आगे बढ़ा तो जांच एजेंसी ने सिसोदिया की गाड़ी तक की जांच कर डाली। जब 14 घंटे बाद ये रेड खत्म हुई, तो सीबीआई अपने साथ मनीष सिसोदिया का फोन ले गई, लैपटॉप भी जब्त कर लिया गया और उनके ईमेल डेटा को भी सिक्योर किया गया।