डीडीए उपाध्यक्ष, दून नगर आयुक्त को हाईकोर्ट की फटकार

नैनीताल। हाईकोर्ट ने डीडीए उपाध्यक्ष, नगर आयुक्त देहरादून को मसूरी की तलहटी में फुटहिल पॉलिसी के खिलाफ गैरकानूनी ढंग किए जा रहे निर्माण से संबंधित रिपोर्ट कोर्ट में पेश न करने पर फटकार लगाई है। कोर्ट ने नौ जून तक इस मामले में रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। सुनवाई मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ मे हुई। देहरादून निवासी रीनू पॉल की ओर से मसूरी की तलहटी में हो रहे अवैध निर्माण के खिलाफ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई। मामले में उच्च न्यायलय ने 30 डिग्री से अधिक ढाल पर बने निर्माण को उत्तराखंड के बिल्डिंग बायलॉज़ के खिलाफ होने के कारण निर्माण को सील करने के निर्देश दिए थे। याची का कहना है कि उत्तराखंड की निर्माण नीति में 2015 के संशोधन के प्रस्तर चार के अनुसार, 30 डिग्री की अधिक ढाल पर निर्माण की इजाज़त नहीं है, लेकिन उक्त परिक्षेत्र में इसका मखौल उड़ाते हुए देहरादून और मसूरी के बीच के कई छोटी-छोटी पहाडिय़ों को पूरी तरह काट कर अंधाधुन निर्माण किया जा रहा है। यह क्षेत्र के पर्यावरण का भी दोहन है। इसके माध्यम से शिवालिक पर्वत शृंखला को भी अस्थिर किया जा रहा है। याचिकाकर्ता की ओर से फोटोग्राफ के माध्यम से उच्च न्यायलय को दिखाया गया की कैसे पहाड़ी दर पहाड़ी को काट कर यहां धड़ल्ले से असंतुलित विकास कर छोटी छोटी पहाडिय़ों का विनाश किया जा रहा है। मामले को गंभीरता से लेते हुए पूर्व में हाईकोर्ट ने 27 मई तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। पर डीडीए व नगर निगम दून इस संबंध में अपनी रिपोर्ट गुरुवार को प्रस्तुत नहीं कर पाए। जिस पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताते हुए नौ जून तक रिपोर्ट पेश करने को कहा है।


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