सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा में आयोजित हुआ ‘साइबर क्राइम अगेंस्ट वूमन: प्रिकॉशन एंड स्ट्रेटेजीज’ विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार

अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा में नेशनल कमीशन फ़ॉर वुमन, नई दिल्ली के सहयोग से ‘साइबर क्राइम अगेंस्ट वूमन:प्रिकॉशन एंड स्ट्रेटेजीज’ विषय पर राष्ट्रीय बेबीनार का आयोजन हुआ।
वेबिनार की संयोजक डॉ ममता असवाल ने रूपरेखा रखते हुए कहा कि वेबिनार में आये हुए विचारों को वास्तविक भूमि में क्रियान्वित किये जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराध बढ़ रहे हैं। जिनसे बचने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी अतिथियों का स्वागत भी किया।
सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत जी की तरफ से सेमिनार के संबंध में अपनी शुभकामनाएं पत्र पढ़ा गया।

अतिथि रूप में हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल ने कहा कि सूचना एवं प्रौद्योगिक के युग में गोपनियता भंग हो रही है। अब भौतिक, अभौतिक और वर्चुअल अपराधों की संख्या बढ़ रही है। जागरूकता बहुत जरूरी है। महिलाएं सर्वाधिक प्रभावित हुई हैं। मानसिक हिंसा बढ़ रही है और मानसिक हिंसा क्रूर होती है।

वेबिनार के संरक्षक और सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र सिंह भंडारी ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराध बढ़ रहे हैं महिलाएं इसके कारण बहुत प्रभावित हुई हैं। महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराध बढ़ रहे हैं,जो चिंतनीय है। उन्होंने कहा कि आगामी सत्रों में जो भी निष्कर्ष निकल कर आएंगे, वो महत्वपूर्ण सुझाव के रूप में हों। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इस तरह के वेबिनार आयोजित हों। उन्होंने कहा कि सामाजिक जागरूकता के लिए भी यह वेबिनार उपयुक्त हैं। वेबिनार में गंभीर बिंदु पर विमर्श हो और उसके सुझाव पर विशेष ध्यान दिया जाए।
सेमिनार के वक्ता स्पेशल टास्क फोर्स के डीएसपी अंकुश मिश्रा ने कहा कि अपनी गोपनीयता को बनाये रखें। अपने बच्चों पर अभिभावक ध्यान रखें। उनको ऑनलाइन गेम खेलने से रोकें। उन्होंने कहा कि हमें इन समस्याओं से बचने के लिए अपनी पहचान छुपानी होगी।

सेमिनार में सेमिनार के उप संयोजक डॉ भाष्कर चौधरी ने आयोजन के संबंध में रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा साइबर अपराध को लेकर शिक्षा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोर्स में इससे जुड़े पहलुओं पर बात शामिल होनी चाहिए।
क्लीनिकल एंड काउंसलिंग सायकोलॉजिस्ट डॉ आशुतोष श्रीवास्तव ने इंटरनेट का कम से कम उपयोग करने की बात कही। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए हमें बहुत गहनता और मनोवैज्ञानिक ढंग से सोचना होगा।
विधि संकाय के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जे एस बिष्ट ने साइबर कानून से निपटने के लिए कानून की धाराओं के जिक्र किया। उन्होंने आई टी एक्ट के संबंध में विस्तार से व्याख्यान दिया। साथ ही कहा कि समाज में महिला अपराध बढ़ रहे हैं, जिनसे निपटने के लिए कानूनों का सहारा लिया जाना चाहिए।

इस अवसर पर हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय की प्रोफेसर रामा मैखुरी ने कहा कि हम अपने दैनिक जीवन में साइबर अपराध से जूझ रहे हैं। हमारे सामने कई ऐसी खबरें इस गंभीर विषय पर इशारा भी क़रतीं हैं। उन्होंने इंटरनेट का कम प्रयोग करने की बात कही और कहा कि हमें अपने आस पास देखने और समझने की जरूरत भी है।
सेमिनार का संचालन डॉ भाष्कर चौधरी ने और सह संयोजक डॉ सिद्धार्थ पोखरियाल, रयूनुमि पांडे, नूर बानो, डॉ ललित जोशी आदि ने सहयोग दिया।
इस अवसर पर प्रोफेसर भीमा मनराल, प्रोफेसर डी के भट्ट, डॉ पारुल सहित देश और विदेश से सैकड़ों प्रतिभागी मौजूद रहे।

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