कोविन पोर्टल की सुस्त रफ्तार स्वास्थ्य कर्मियों के लिए चुनौती

देहरादून। राज्य में कोरोना टीकाकरण अभियान के पहले ही दिन कोविन पोर्टल ने राज्य में इंटरनेट सेवाओं की पोल खोल दी। कोविन पोर्टल की धीमी रफ्तार से साफ हो गया कि आने वाले दिनों में टीकाकरण को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों को खासी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। शनिवार को शुरू हुए टीकाकरण अभियान के दौरान बड़ी संख्या में बूथों पर पोर्टल के धीमी रफ्तार से काम करने की शिकायतें मिली। हालांकि राज्य व केंद्र सरकार को यह आशंका पहले से ही थी और इसीलिए कोविन पोर्टल में ऑफ लाइन काम करने की भी सुविधा दी गई है।
लेकिन कोरोना टीकाकरण में हर व्यक्ति का डेटा फीड होना है तो ऐसे में स्वास्थ्य कर्मियों का काम बढ़ जाएगा। यदि नेटवर्क नहीं रहा या पोर्टल नहीं चला तो उन्हें पहले ऑफ लाइन डेटा फीड करना होगा और बाद में उसी डेटा को ऑन लाइन किया जाएगा। कोरोना टीकाकरण की प्रक्रिया लम्बी चलनी है। ऐसे में स्वास्थ्य कर्मियों को इसमें खासी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
विदित है कि राज्य में पहले चरण में ही 87 हजार के करीब स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जाना है। 28 दिन के बाद इन्हीं लोगों को फिर से टीका लगाया जाना है। इसके बाद तीन लाख के करीब फ्रंट लाइन वर्कर टीके की लाइन में खड़े हैं। ऐसे में इस अभियान के लम्बा चलना तय है। हालांकि बाद के चरणों के लिए स्वास्थ्य विभाग कार्ड सिस्टम तैयार करने में जुटा है ताकि पोर्टल की वजह से अभियान पर ज्यादा असर न पड़े। स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने भी कहा कि अभियान के दौरान सामने आने वाली सभी चुनौतियों का सामना किया जाएगा।