कोरोना संक्रमण को देखते हुए एसडीआरएफ ने लिए 20 गांव गोद

देहरादून। उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए एसडीआरएफ ने 20 गांव गोद लिए हैं। उत्तराखंड पुलिस के मिशन हौसला के तहत इस अभियान को एसडीआरएफ का सुरक्षा कवच कहा जा रहा है। डीआइजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल के दिशा निर्देशन में सेनानायक नवनीत भुल्लर के नेतृत्व में इस अभियान को वर्चुअल रूप से हरी झंडी दी गई। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य पर्वतीय जनपदों के उन गांवों के लोगों की मदद करना है जो जनसंख्या ओर क्षेत्रफल के साथ ही कोरोना से अधिक प्रभावित हैं। पहली कड़ी में एसडीआरएफ 20 गांवों को गोद ले रही है। मिशन की रूपरेखा के तहत प्रत्येक गांव में एसडीआरएफ के दो जवान नियुक्त रहेंगे, जो ग्रामवासियों को कोरोना से जागरूक करने के साथ ही जरूरतमंद को मास्क, सैनेटाइजर वितरित करेंगे। हर दिन गांव की रिपोर्ट कंट्रोल को प्रेषित करेंगे। जवानों के पास आवश्यकता होने पर आक्सीजन सिलेंडर विद फ्लोमीटर की भी सुविधा है। वे आइसोलेट हुए ग्रामीणों को घर से बाहर न आने की भी हिदायत देंगे। साथ ही प्रतिदिन योगा-प्रणायाम भी कराएंगे। एसडीआरएफ टीम को पर्याप्त कोविड मेडिसिन किट भी उपलब्ध कराई गई है, जो आवश्यक होने पर जरूरतमंद को दी जाएगी। वर्तमान में कुमाऊं मंडल से छह और गढ़वाल मंडल से 14 गांवों को चयनित किया गया है।

इन गांवों का हुआ है चयन
पिथौरागढ़ में खोलिया, दौला, बागेश्वर में ऐठाण, अल्मोड़ा में बलटा, माठ, चम्पावत में ज्ञानखेड़ा, रुद्रप्रयाग में रामपुर, कलना, पौड़ी में गोदी दुगड्डा, सिरौं, स्वीत, डूंगरी पंथ, टिहरी में कुटठा, उत्तरकाशी में गणेशपुर, नेताला, क्यार्का, नगाण, चमोली में रामणा, बोला, सीगधार, खडेधार गांव शामिल हैं।