कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच ही बोर्ड की परीक्षाएं होंगी

देहरादून। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच ही बोर्ड की 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं होने का अंदेशा है। ऐसे में उत्तराखंड में बोर्ड कक्षाओं में पढ़ाई सुचारू होने से लाखों छात्र-छात्राओं को लाभ मिलेगा। बोर्ड कक्षाओं में प्रायोगिक विषयों की परीक्षाएं भी अंतिम चरण में हैं।
प्रदेश सरकार सभी सरकारी, सहायताप्राप्त अशासकीय और निजी विद्यालयों में 10वीं, 11वीं व 12वीं की कक्षाएं 31 जनवरी से आफलाइन मोड में संचालित करने के आदेश जारी कर चुकी है। कोरोना संक्रमण में तेजी से वृद्धि होने के बाद सरकार ने आफलाइन कक्षाएं बंद कर आनलाइन पढ़ाई कराने के निर्देश जारी किए थे। सरकार के इस आदेश से बोर्ड की 10वीं व 12वीं कक्षाओं के परीक्षार्थियों की पढ़ाई पर भी असर पड़ा है। राज्य में सिर्फ उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं व 12वीं कक्षाओं में तीन लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इनके अतिरिक्त सीबीएसई बोर्ड के साथ आइसीएसई व आइएससी के परीक्षार्थियों की बड़ी तादाद है।

बोर्ड कक्षाओं में पढ़ाई को लेकर शासन ने मानक प्रचलन कार्यविधि के अनुसार भी विद्यालयों में कोरोना सुरक्षा प्रविधान करने के आदेश जारी किए हैं। विद्यालयों में पढ़ाई के दौरान कक्षाओं में छात्र-छात्राओं के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा। साथ ही सैनिटाइजर का उपयोग किया जाएगा। बैठने के लिए सुरक्षित शारीरिक दूरी के मानक का पालन भी कराया जाएगा। विद्यालयों को इन मानकों का सख्ती से पालन करने की हिदायत दी गई है।

तमाम बोर्डों की ओर से परीक्षाओं की तैयारी को अंतिम रूप दिया जाना है। साथ ही प्रायोगिक विषयों की परीक्षाएं भी होनी हैं। बीते वर्ष कोरोना के साये में ही बोर्ड परीक्षाएं हो चुकी हैं। सीबीएसई समेत तमाम बोर्ड कोरोना संक्रमण को देखते हुए अपने पाठ्यक्रमों में भी बदलाव कर चुके हैं। उत्तराखंड बोर्ड ने भी आनलाइन पढ़ाई को ध्यान में रखकर बदलाव किए हैं। ऐसे में अब चालू सत्र के अंतिम दिनों में आफलाइन पढ़ाई शुरू होने से बोर्ड परीक्षार्थियों को विषयवार कठिनाइयों को दुरुस्त करने का अवसर भी मिल सकेगा। हालांकि फरवरी माह में कोरोना संक्रमण में सुधार हुआ तो बोर्ड परीक्षार्थियों को ज्यादा राहत मिल सकती है।


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