कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष चयन के बाद द्वाराहाट विधायक मदन सिंह बिष्ट के तेवर तल्ख, समर्थक कांग्रेस पदाधिकारियों ने सदस्यता से दिया इस्तीफा

अल्मोड़ा/द्वाराहाट: उत्तराखंड में करन सिंह माहरा को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष बनाने के बाद से ही पार्टी में विरोध के स्वर तेज हो गए हैं। विधानसभा चुनावों में हार का ठीकरा गुटबाजी और राज्य के नेताओं पर फोड़ने की बात के आधार पर संगठन में बदलाव की बात प्रदेश के नेताओं के गले नहीं उतर रही है। यही कारण है कि शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ राज्य के शीर्ष नेता से लेकर कार्यकर्ता तक मुखर हो रहे हैं। इसी के साथ द्वाराहाट में भी गुटबाजी का माहौल बना हुआ है। आपको बता दें कि कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व के प्रदेश अध्यक्ष, नेता व उपनेता प्रतिपक्ष नियुक्त करते ही पार्टी में असंतोष पनपने लगा है।

नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में शामिल द्वाराहाट विधानसभा के विधायक मदन सिंह बिष्ट के तेवर तल्ख हो गए हैं। उन्होंने हाईकमान पर तीखे प्रहार किए। उन्होंने कहा कि गलत फैसलों से कांग्रेस धरातल से नीचे पहुंच गई है। शीर्ष नेतृत्व को नौसीखिया करार दे बोले कि पार्टी को आगे बढ़ाने के बजाय डुबाने पर तुला है। दो टूक कहा कि जब तक हाईकमान में बदलाव नहीं किया जाता कांग्रेस का भला नहीं हो सकता। उबरने के सपने देखना बेइमानी होगी। विधायक मदन सिंह बिष्ट को नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाने से नाराज प्रदेश सचिव जगत रौतेला, प्रवक्ता नारायण सिंह रावत, जिला उपाध्यक्ष दीपक बिष्ट, युवक कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष देवेंद्र भंडारी, सचिव प्रताप रावत, शैलेंद्र रावत, दीपक सिंह बिष्ट ने कांग्रेस की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिए हैं। उन्होंने हाईकमान के फैसले को गलत करार दे कड़ा रोष जताया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब पार्टी हाशिये पर थी तब मदन सिंह बिष्ट ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी कांग्रेस को दिलाई। खुद की लोकप्रियता से विधायक भी बने। मगर कर्मठ नेता की उपेक्षा की गई। हालांकि विधायक मदन ने त्यागपत्र व नाराजगी को पार्टी कार्यकर्ताओं की भावना बताया।

(रिपोर्ट: मनीष नेगी, द्वाराहाट)

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