
हल्द्वानी। रामनगर सरकारी अस्पताल की लैब से सेना भर्ती के लिए जा रहे युवाओं को रुपये लेकर फर्जी कोविड रिपोर्ट बनाने की जांच नैनीताल सीएमओ की अगुवाई वाली कमेटी करेगी। सोमवार को मामले के खुलासे के बाद अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हडक़ंप मचा है। वहीं, पुलिस ने आरोपी लैब टेक्नीशियन पर मुकदमा दर्ज करने के बाद उसकी गिरफ्तारी के लिए उसके घर दो बार दबिश दी, लेकिन वह अब तक फरार है। कोरोना महामारी की फर्जी रिपोर्ट बनाने के मामले में पीपीपी मोड पर संचालित रामनगर अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की खूब किरकिरी हो रही है। सीएमओ ने इसे बेहद गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच को एक कमेटी गठित की है। इसकी अगुवाई सीएमओ डॉ. भागीरथी जोशी खुद कर रही हैं। उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए एक टीम बनाई गई है। वे टीम का नेतृत्व करेंगी। कैसे कोरोना फर्जी कोविड नेगेटिव रिपोर्ट बनाई गई, इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं, इसकी विस्तृत जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। रामनगर कोतवाल अबुल कलाम ने बताया कि आरोपी लैब टेक्नीशियन प्रशांत की तलाश जारी है। दो बार उसके घर दबिश दी गई, लेकिन पकड़ में नहीं आ सका।
सेना भर्ती: बिना जांच कोरोना की फर्जी नेगेटिव रिपोर्ट जारी करने का भंडाफोड़
क्या है मामला: एक फाउंडेशन के जरिए सेना भर्ती का प्रशिक्षण ले रहे सौ से अधिक युवाओं को सरकारी अस्पताल की लैब से फर्जी कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट जारी कर दिया गया। बिना जांच ही एंटीजन टेस्ट का हवाला देकर ये रिपोर्ट पांच सौ से एक हजार रुपये लेकर लैब संचालक ने उन्हें थमा दी, जबकि नोडल अधिकारी प्रशांत कौशिक ने रिपोर्ट में मुहर-हस्ताक्षर फर्जी करार दिया। इसके बाद पुलिस ने लैब कर्मचारी प्रशांत पर मुकदमा दर्ज कर उसकी धरपकड़ शुरू कर दी।