मुख्यमंत्री ने की आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम की समीक्षा

⦁ स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान सर्वोपरि
⦁ स्वतंत्रता सेनानियों के चित्र उनके पैतृक गांवों के पंचायत भवनों में लगाए जाएं
⦁ आम जनमानस तक आजादी के अमृत महोत्सव का संदेश जाए

देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि आजादी का अमृत महोत्सव का संदेश आम जन तक जाए। इसके लिए ग्राम स्तर तक भी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति को चिर स्थायी बनाने के लिए उनके योगदान के विवरण सहित चित्र उनके पैतृक गांवों के पंचायत भवनों में लगाए जाएं। प्रदेश में जहां भी महान विभूतियों की मूर्तियां लगी हैं, उनका उचित रखरखाव सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री सचिवालय में आजादी का अमृत महोत्सव के आयोजन के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान हमारे लिए सबसे बढक़र है। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के निर्देशों पर 15 अगस्त 2022 को भारत की स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ से 75 सप्ताह पूर्व से आजादी का अमृत महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने आजादी के लिए जो बलिदान किए उससे युवा पीढी को अवगत कराया जाना चाहिए। महोत्सव में ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन हो जिनसे देशभक्ति की भावना का संचार हो। कार्यक्रमों के आयोजन में कोविड के नियमों का अनुपालन भी सुनिश्चित कर लिया जाए। अमृत महोत्सव कार्यक्रम से स्वयं सहायता समूहों को जोड़ते हुए वोकल फॉर लोकल व आत्मनिर्भर भारत की थीम पर आधारित कार्यक्रम भी शामिल किए जा सकते हैं।
संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानियों का विवरण संकलित कर उनका विभिन्न माध्यमों से जनता के बीच प्रचारित किया जाए। उनके चित्र भी प्रकाशित कराए जाएं ताकि युवा इन महान विभूतियों के बारे में जान सके।
सचिव संस्कृति दिलीप जावलकर ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े महान विभूतियों के जीवन वृत्त पर प्रदर्शनियों का आयोजन किया जा रहा है। नशा मुक्ति कार्यक्रम, साईकिल रैली और मैराथन दौड़ का भी आयोजन किया जा रहा है। हर घर झंडा कार्यक्रम के अंतर्गत खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों से प्लास्टिक रहित तिरंगा झण्डा तैयार कराया जा रहा है।


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