सीएम ने अपने आवास पर बच्चों संग मनाया फूलदेई पर्व
प्रकृति के सरंक्षण एवं हमारी संस्कृति का द्योतक है फूलदेई : सीएम
देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भागीरथीपुरम स्थित अपने आवास पर बच्चों के साथ प्रकृति का आभार प्रकट करने वाला पर्व फूलदेई मनाया। उन्होंने कहा कि यह पर्व प्रकृति के सरंक्षण एवं हमारी संस्कृति का द्योतक है। प्रकृति के इस लोकपर्व एवं प्राचीन संस्कृति को संजोऐ रखने के लिए सबको प्रयास करने होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बसंत ऋतु का यह पर्व सभी प्रदेशवासियों के जीवन में सुख-समृद्धि एवं खुशहाली लाए। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि प्रकृति से जुड़ा फूलदेई का पर्व हमें पर्यावरण संरक्षण एवं प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्यों की भी याद दिलाता है। चैत्र माह के प्रारंभ होने पर उत्तराखंड में यह पर्व बच्चों द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। बसंत के आगमन का द्योतक यह पर्व हमारी प्राचीन लोक संस्कृति एवं परंपराओं से जुड़ा है। मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर आए बच्चों को उपहार भेंट किए।
छात्राओं ने घरों की देहरी पर डाले फूल और चावल
वसंत ऋतु के स्वागत में मनाए जाने वाले पारंपरिक त्योहार फूलदेई का रंग चढऩे लगा है। शनिवार को रायपुर भिलंग के जूनियर हाईस्कूल, अखंडवानी में शिक्षकों ने छात्रों के साथ फूलदेई मनाया। स्कूल में आयोजित कार्यक्रम के लिए स्कूली बच्चे बांस की टोकरी में फ्यूंली, बुरांश, कचनार, गेंदे आदि फूल लेकर पहुंचे। बच्चों ने स्थानीय लोग के घर-घर जाकर देहरी पर फूल-चावल डालकर खुशहाली की कामना की। इस दौरान बच्चों ने पारंपरिक गीत फूलदेई, छम्मा देई. जतुकै देला, उतुकै सही. दैणी द्वार, भर भकार. भी गाया। इन बच्चों को स्थानीय लोग ने चावल, गुड़ और रुपये भी भेंट किए। इससे पहले जूनियर हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक सतीश घिल्डियाल ने स्कूल में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि चैत के महीने की संक्रांति को फूलदेई का पर्व हर साल मनाया जाता है।