मुख्यमंत्री धामी व सरकार की छवि धूमिल करने के आरोप में पूर्व विधायक प्रत्याशी के खिलाफ मुकदमा दर्ज

आईटी एक्ट व अन्य धाराओं में हुई कार्यवाही

अल्मोड़ा। सोशल मीडिया को माध्यम बनाते हुए प्रदेश सरकार और सीएम पुष्कर सिंह धामी की छवि धूमिल करने के आरोप में नगर क्षेत्र के पूर्व विधायक प्रत्याशी विनोद तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। उन्होंने हाल में ‘धामी जी की फिसली जुबान’ शीर्षक का एक वीडियो भी अपलोड किया था।
आरोप है कि विनोद तिवारी लगातार असंगत टिप्पणी करते हुए अनावश्यक वीडियो सोशल मीडिया में अपलोड कर रहे थे। उनके खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। बता दें कि उन्होंने वर्ष 2022 में अल्मोड़ा विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। ज्ञात रहे कि उत्तराखंड में पेपर लीक और अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर राष्ट्र नीति संगठन के प्रमुख और अल्मोड़ा के पूर्व विधायक प्रत्याशी विनोद तिवारी लंबे समय से मालरोड स्थित गांधी पार्क में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। गत 03 जून को उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल और फेसबुक के माध्यम से ‘धामी की फिसली जबान’ शीर्षक से एक वीडियो अपलोड किया गया था। इस संबंध मे 05 जून को अल्मोड़ा कोतवाली की ओर से विनोद तिवारी को नोटिस दिया गया। आरोप है कि इसके बावजूद भी राष्ट्र नीति संगठन के प्रमुख की ओर से कई और अनावश्यक वीडियो अपलोड कर मुख्यमंत्री की व्यक्तिगत ख्याति को नुकसान पहुंचाया गया। इधर इस मामले में वरिष्ठ उपनिरीक्षक सतीश चंद्र कापड़ी ने बताया कि शुक्रवार को विनोद तिवारी, निवासी ग्राम चाण अल्मोड़ा और हाल निवासी एनटीडी अल्मोड़ा के खिलाफ धारा- 469/505 भादवि व 74 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया गया है।

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है हमारा संविधान : तिवारी
इधर इस मामले में विनोद तिवारी का कहना है कि संविधान ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार दिया है। उस पर यदि वीडियो अपलोड करने की बात कही गई है तो इस तरह के वीडियो इंटरनेट मीडिया में भरे पड़े हैं। उन्होंने कहा कि अगर वीडियो से आपत्ति थी तो वह बता देते। तब वह वीडियो को इंटरनेट मीडिया से स्वयं हटा देते। उन्होंने कहा कि पुलिस से जो नोटिस आया था उसका जवाब दिया गया था। इस कार्रवाई के खिलाफ वह खुद चुनौती देंगे।


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