
अल्मोड़ा। राजकीय शिक्षक संघ की जिला कार्यकारिणी ने शुक्रवार को क्लस्टर विद्यालय योजना का विरोध करते हुए निदेशक माध्यमिक शिक्षा को मुख्य शिक्षा अधिकारी के माध्यम से ज्ञापन भेजा। जिलाध्यक्ष भूपाल सिंह चिलवाल और जिला मंत्री राजू महरा ने ज्ञापन में कहा कि क्लस्टर योजना छात्रहित में नहीं है और इसका सबसे अधिक प्रतिकूल प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों में बालिका शिक्षा पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य सभी के लिए शिक्षा सुनिश्चित करना है, इसी उद्देश्य से दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में विद्यालय खोले गए थे, जहां अब वंचित और निर्धन तबके के बच्चे आसानी से शिक्षा प्राप्त कर पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में उत्तराखंड में दो हजार से अधिक माध्यमिक विद्यालय संचालित हो रहे हैं, लेकिन क्लस्टर योजना लागू होने के बाद इनकी संख्या घटकर महज 559 रह जाएगी। अकेले अल्मोड़ा जिले में 264 विद्यालयों की संख्या घटकर केवल 67 तक सिमट जाएगी, जिससे हजारों छात्र-छात्राओं की शिक्षा प्रभावित होगी। शिक्षक संघ का कहना है कि क्लस्टर विद्यालयों तक रोजाना पहुंचने के लिए विद्यार्थियों को परिवहन का सहारा लेना पड़ेगा, जबकि अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क और यातायात की सुविधाएं पर्याप्त नहीं हैं। इससे छात्रों की सुरक्षा और पढ़ाई दोनों खतरे में पड़ सकती है। संघ ने इस योजना को अव्यावहारिक बताते हुए इसे रद्द करने और इसके स्थान पर सभी विद्यालयों में रिक्त पदों पर तत्काल नियुक्तियां करने तथा विद्यालयों को संसाधनों से सुसज्जित करने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में पूर्व मंडलीय मंत्री कैलाश सिंह डोलिया, ब्लॉक मंत्री हवालबाग खुशहाल सिंह महर, ब्लॉक मंत्री धौलादेवी नितेश कांडपाल सहित अन्य शिक्षक शामिल रहे।