लिपिक का लक्सर में तबादला निरस्त करने की मांग

रुडकी। रिटायर होने के महज पांच महीने पहले खटीमा गन्ना समिति के लिपिक का तबादला लक्सर कर दिया गया। कर्मचारी एसोसिएशन ने इसे गलत बताते हुए विभाग को ज्ञापन सौंपा। उनका कहना है कि लिपिक लक्सर से रिटायर हुए तो लक्सर समिति पर 21 लाख का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, जबकि समिति पहले से कंगाली में है। हाल ही में गन्ना विभाग ने ऊधमसिंह नगर की सहकारी गन्ना विकास समिति खटीमा में तैनात लिपिक का लक्सर समिति में स्थानांतरण किया है। जानकारी मिलने पर मंगलवार को उत्तराखंड गन्ना समितियां कर्मचारी एसोसिएशन अध्यक्ष प्रीतम सिंह और मंत्री राजकुमार ने लक्सर समिति के सचिव गौतम नेगी से मुलाकात की। उन्होंने सचिव को ज्ञापन सौंपकर कहा कि स्थानांतरित किए गए लिपिक को दिसंबर 2020 में सेवानिवृत्त होना है। लक्सर समिति से सेवानिवृत्त होने पर लिपिक की पूरी नौकरी की ग्रेच्यूटी, नगदीकरण और अन्य देय की लगभग 21 लाख रुपये के भुगतान की जिम्मेदारी लक्सर गन्ना समिति पर होगी। जबकि चीनी मिल व सरकार से कमीशन का भुगतान न होने की वजह से लक्सर समिति की आर्थिक हालत पहले ही खराब है। पैसा न होने की वजह से समिति प्रबंधन द्वारा 38 सीजनल कर्मचारियों को ड्यूटी से बाहर रखा गया है। काम न मिलने के कारण कर्मचारी व उनके परिवार परेशानी में हैं। उन्होंने लिपिक के स्थानांतरण को गलत बताते हुए उन्हें वापस खटीमा समिति भेजने की मांग विभाग से की है। सचिव से मिलने वालों में पंकज कुमार, दीपक कुमार, जोगेंद्र सिंह, अरविंद, परीक्षित, ओमवती, गजेंद्र, रीता देवी, अमित कुमार, शोभित सैनी, शिवचरण, मोहित कुमार, विजय कुमार, प्रवेश गर्ग, शिवकुमार, राजसिंह, सुनील कुमार, रणजीत सिंह, बिलेंद्र सिंह आदि थे।


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