सिटी बस महासंघ ने लगाया रोजगार छीनने का आरोप
देहरादून। महानगर सिटी बस महासंघ ने सरकार पर उत्तराखंड के मूल निवासियों का रोजगार छीनने का आरोप लगाया है। कहा कि स्मार्ट सिटी की इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से सिटी बस संचालकों का रोजगार खत्म हो गया है। उन्होंने इलेक्ट्रिक बसों को शहर के बजाय दून से मसूरी, ऋषिकेश और हरिद्वार के लिए चलाने की मांग की है। अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने बताया कि शहर में स्मार्ट सिटी की दस बसें संचालित हो रही है। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार अब तक चार करोड रुपये का घाट हो चुका है। बसों का अनुबंध 30 साल का है, तब तक यह घाटा 100 करोड़ रुपये तक चला जाएगा। कहा कि सरकार ने स्मार्ट इलेक्ट्रिक बस का किराया सिटी बस के बराबर रखा है, जिससे सिटी बस संचालकों को नुकसान हो रहा है। कहा कि इलेक्ट्रिक बसों का ट्रायल देहरादून से मसूरी और हल्द्वानी से नैनीताल तक के लिए हुआ था। सरकार को चाहिए कि लंबे रूटों पर इन बसों को संचालित करें।