चुनावी रैलियों और रोड शो पर चुनाव आयोग ने 31 जनवरी तक बढ़ाई रोक

चुनाव आयोग ने डोर टू डोर कैंपेन के लिए 5 की जगह 10 लोगों को अनुमति दी है

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने कोरोना संकट को देखते हुए शारीरिक रैलियों और रोड शो और किसी भी तरह की पद यात्रा, साइकिल या वाहन यात्रा, जुलूस पर लगे बैन को 31 जनवरी, 2022 तक बढ़ा दिया है।

पहले चरण के चुनाव के लिए राजनीतिक दलों या चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की शारीरिक सार्वजनिक बैठकों के लिए 28 जनवरी, 2022 से और दूसरे चरण के लिए 1 फरवरी 2022 से छूट दी गई है। यह जानकारी इलेक्शन कमीशन के प्रवक्ता ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से दी है।

एक दूसरे ट्वीट में जानकारी दी गयी कि डोर टू डोर कैंपेन के लिए 5 व्यक्तियों की सीमा को बढ़ाकर 10 व्यक्ति कर दी गयी है। COVID-19 प्रोटोकॉल के साथ निर्दिष्ट खुले स्थानों पर प्रचार के लिए वीडियो वैन की अनुमति भी होगी।

आयोग ने राहत देते हुए पहले और दूसरे चरण के उम्मीदवारों को सभा में 500 लोगों की अनुमति ही दी है। साथ ही आयोग ने राज्यों को कोरोना प्रोटोकॉल और आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन कराने का भी निर्देश दिया है।

10 फरवरी को होने वाले मतदान के क्षेत्रों में उम्मीदवारों को 28 जनवरी से खुली जगह में अधिकतम 500 लोगों की भीड़ वाली रैली करने की इजाजत होगी। दूसरे फेज में मतदान वाले क्षेत्रों के उम्मीदवारों को 1 फरवरी से खुली जगह में अधिकतम 500 लोगों की भीड़ वाली रैली करने की इजाजत होगी।

घर-घर जा कर प्रचार करने के लिए भी सीमा को बढ़ा दिया गया है। घर-घर जाकर अभियान चलाने के लिए अब 5 लोगों की जगह पर सुरक्षा कर्मियों को छोड़कर 10 लोगों की अनुमति है।

वहीं मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा की मौजूदगी में चुनाव को लेकर समीक्षा बैठक की गई। इसमें मतदाताओं को लेकर चर्चा हुई और जिन कर्मचारियों और फ्रंटलाइन वर्कर को बूस्टर डोज लगाए जाने हैं उस स्थिति का भी जायजा लिया गया।

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