चमोली में बारिश से मकान ढहने से महिला की मौत , मलबे में दबी किशोरी को निकाला

चमोली। घाट ब्लाक के पडेर गांव के तिमदो तोक में भारी बारिश से आए मलबे एक मकान ढह गया। मकान के मलबे में मां-बेटी दब गए। हादसे में महिला की मौत हो गई। उसकी 12 वर्षीय बेटी को मलबे से निकाल लिया गया। गंभीर रूप से घायल किशोरी का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराया जा रहा है। उधर, मंगलवार को बदरीनाथ हाईवे भूस्खलन और बोल्डर आने से कुहेड़, भनेरपानी पीपल कोटी और टंगणी के नजदीक पागल नाला में बंद रहा। हाईवे खोलने के प्रयास लगातार चल रहे हैं। पडेर गांव के ग्रामीण सुदर्शन सिंह ने बताया घटना सोमवार रात्रि को 2 बजकर 45 मिनट के लगभग यह हादसा पेश आया। पडेर गांव के तिमदो तोक में के जंगल में भारी बारिश के बाद उसका मलबा गदेरे से होकर छानी में रह रहे लोगों के मकानों, खेतों, गोशालाओं को बहाते हुए आगे बढ़ा। इस हादसे में भारी नुकसान हुआ है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी ने बताया उक्त घटना में अपनी बेटी के साथ मकान में रह रही देवेश्वरी देवी उम्र 37 वर्ष मलबे में दब कर मर गयी। मलबा उसके मकान के ऊपर आया। महिला उसी मकान के ढहने से मलबे में दब कर मर गई। जबकि उनकी बेटी प्रीति जो गम्भीर रूप से घायल हो गयी थी, उसे मलबे के बीच से निकाल कर अस्पताल लाया गया है।
हर तरफ तबाही का मंजर
पडेर गांव के तिमदो तोक में हुयी इस प्राकृतिक आपदा का मंजर हर तरफ दिखता है। ग्राम प्रधान पुष्कर सिंह और पडेर गांव के सुदर्शन सिंह बताते हैं कि तिमदो तोक के जंगल में अतिवृष्टि हुई। तोक के निकट के गदेरे का उफनता मलबा मकानों खेतों को तहस नहस करता हुआ आगे बढ़ा। ग्रामीण सुदर्शंन ने बताया कि इन दिनों ग्रामीण अपने इस छानी क्षेत्र में रह रहे थे। इस प्राकृतिक आपदा से जन हानि तो हुयी ही। खेतों में आलू , चौलाई की फसलें भी बर्बाद हो गई। मलबे ने खेत तबाह कर दिए। गोशालाएं टूट गयीं। मवेशियों को भी नुकसान हुआ। गैणा राम की गाय बैल व बकरियां मलबे में दब गयीं। इसी तरह किरन राम के मवेशी भी मलबे में दबे। यहां पांच मकानों में मलबा आया। हालांकि ये मकान क्षति ग्रस्त तो नहीं हुये पर मलबा इन घरों में घुस गया।
चमोली की नदियों का जल स्तर बढ़ा
चमोली में नदियों का जल स्तर भी बढ़ा है। पर खतरे के निशान से नीचे बह रहीं हैं। अलकनन्दा नदी का जल स्तर 954.10मिमी है पिंडर का जल स्तर 768.68 व नन्दाकिनी का जल स्तर 867.82 रहा। जिले में सबसे अधिक वर्षा चमोली तहसील के अंतर्गत हुयी। यहां 46.06 मि मी वर्षा रिकार्ड की गयी। जोशीमठ तहसील के अंतर्गत 30.08 एम एम बारिश हुयी।


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