चीन से आयात के लिए बीआईएस मार्क होगा अनिवार्य

अब व्यापार के मोर्चे पर झटका देने की तैयारी में भारत
खराब गुणवत्ता वाली वस्तुओं पर रोक के साथ अपना ढांचा विकसित करने की है योजना
कई एप्स के साथ सरकारी बोली लगाने पर भी चीन पर प्रतिबंध लगा चुका है भारत

नई दिल्ली, 28 जुलाई (आरएनएस)। कई एप्स पर प्रतिबंध के बाद भारत अब चीन को व्यापार के मोर्चे पर झटका देने की तैयारी में है। भारत की योजना अगले वित्तीय वर्ष से चीन से आयात कम करने की है। इस कड़ी में भारत चीन की चुनिंदा वस्तुओं के आयात केलिए ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड माक्र्स (बीआईएस) अनिवार्य कर देगा। वाणिज्य मंत्रालय ने इस सूची में शामिल करने के लिए करीब 400 चीनी वस्तुओं की सूची तैयार की है।
वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने कहा कि इस मोर्चे पर भारत कई स्तर पर तैयारियां कर रहा है। सूची में चीन से आयातित उन वस्तुओं के नाम हैं, जिनकी गुणवत्ता बेहद निम्न स्तर की है। इसके अलावा अतीत में कभी इन वस्तुओं का उत्पादन भारत में होता था या भारत ऐसी वस्तुओं के निर्माण में खुद सक्षम है। चीन ऐसी वस्तुओं के निर्यात के माध्यम से जहां भारी मुनाफा कमाता है, वहीं गुणवत्ता में दोयम दर्जे का होने के बावजूद सस्ता होने केकारण ये वस्तुएं हमारे यहां लघु और मध्यम उद्योग को उभरने से रोकती है। इस सूची में खिलौने, पेपर, रबर उत्पाद, टेलिकॉम से जुड़े उत्पाद, कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद, शीशे के सामान, दवाईयों का कच्चा माल, स्टील ट्यूब जैसी वस्तुएं शामिल हैं।
अगले वित्तीय वर्ष से होगा लागू
फिलहाल वाणिज्य मंत्रालय ने लंबी माथापच्ची के बाद अब तक 372 ऐसी वस्तुओं की एक सूची तैयार की है। इसे आईएस मार्क के दायरे में लाने की औपचारिकता जल्द शुरू हो जाएगी। सरकार की योजना अगले वित्तीय वर्ष से व्यापार नियमों मेंं बदलाव कर आयात के लिए बीआईएस मार्कअनिवार्य करने की योजना है। सूत्रों का कहना है कि चीन से आयात होने वाले वस्तुओं में इन वस्तुओं की हिस्सेदारी लगभग 8 फीसदी है। कोशिश ऐसे वस्तुओं के आयात पर पूरी तरह से रोक लगाने की है।
आत्मनिर्भर भारत की भी दृष्टि
प्रधानमंत्री बीते कुछ महीने से लगातार आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की बात कर रहे हैं। इस कड़ी में उन्होंने आयात कम करने पर लगातार जोर दिया है। यही कारण है कि वित्त एवं वाणिज्य मंत्रालय इस अभियान को सफल बनाने केलिए लगातार माथापच्ची में जुटे हैं। मंत्रालय इस बात का अध्ययन कर रहे हैं कि भारत पहले किन वस्तुओं का निर्माण करने मेंं सक्षम था जो मुक्त व्यापार के बाद पीछे हो गया। इसके अलावा भारत मेंं किन वस्तुओं के निर्माण की क्षमता है। वित्त एवं वाणिज्य मंत्रालय के अलावा अन्य मंत्रालय भी इस मामले मेंं लगातार माथापच्ची कर रहे हैं।
कई मोर्चे पर चीन को झटका
भारत की योजना चीन को कई मोर्चे पर झटका देने की है। इसी रणनीति के तहत दो चरणोंं में भारत चीन के 106 एप्स पर प्रतिबंध लगा चुका है। इसके अलावा 225 एप्स फिलहाल सरकार के निशाने पर है। इससे पहले भारत ने जनरल फाइनैंशियल नियम 2017 में परिवर्तन कर सीमा साझा करने वाले देशों पर सरकारी खरीद में बोली लगाने पर प्रतिबंध लगा चुका है।


शेयर करें

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *