छावला गैंगरेप पीड़िता के मां-बाप दिल्ली के एलजी से मिले

नई दिल्ली (आरएनएस)। उत्तराखंड के पौड़ी में रहने वाली 19 साल की अनामिका का अपहरण के बाद लडक़ी के साथ रेप किया था और इसके बाद उसकी आंखों में तेजाब तक डाल दिया था। रोंगटे खड़े कर देने वाली यह घटना साल 2012 की है। लडक़ी से गैंगरेप और हत्या के दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बरी कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा दोषियों को दी गई फांसी की सजा को पलट दिया। इस मामले में निचली अदालत और हाईकोर्ट ने तीनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। छावला गैंगरेप कांड की पीडि़ता उत्तराखंड निवासी ‘अनामिका’ के माता-पिता के साथ राज्यसभा सांसद और भाजपा के मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी ने दिल्ली के उपराज्यपाल  विनय कुमार सक्सेना से भेंट की और इस मामले में पुनर्विचार याचिका का अनुरोध किया गया।क्योकि  छावला कांड मामले में दिल्ली सरकार पक्षकार है। इसलिए अनामिका’ के माता-पिता ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के माध्यम से दिल्ली सरकार से अनुरोध किया गया है कि वह ‘अनामिका’ मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करे , ताकि दोषियों को कड़ी सजा मिल सके। यह मामला दरअसल 14 फरवरी 2012 को उत्तराखंड की ‘निर्भया’ अपने काम पर जाने के लिए घर से निकली थी। उस दिन वो देर शाम तक घर नहीं लौटी तो परिजन चिंतित हुए। घबराए परिजनों ने उसकी काफी तलाश की। लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। बहुत खोजने के बाद इतनी सूचना जरूर मिली कि कुछ लोग एक लडक़ी को गाड़ी में डालकर दिल्ली से बाहर ले जाते हुए दिखाई दिए हैं। इस मामले में दोषियों ने लडक़ी के साथ रेप के साथ उसे असहनीय  यातना भी दी थी। लडक़ी को कार में इस्तेमाल होने वाले औजारों से पीटा गया, उसके शरीर को जगह जगह सिगरेट से दागा गया था और उसके चेहरे को तेजाब से जलाया गया था। इसके बाद अभियुक्त गिरफ्तार किए गए थे। दिल्ली की अदालत ने 19 साल की युवती से रेप और हत्या के दोषी ठहराए जाने के बाद मौत की सजा सुनाई थी। इस फैसले को सही मनाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने भी फांसी की सजा पर मुहर लगा दी थी। इसके बाद दोषियों की तरफ से सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गयी थी। सुप्रीम कोर्ट ने  इस मामले में फैसला सुनाते हुए तीनों दोषियों रवि कुमार, राहुल और विनोद को बरी कर दिया।


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