चारधाम यात्रा में अव्यवस्थाओं पर भड़के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य
देहरादून। चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सरकार पर सवाल उठाए। कहा कि सरकार यात्रियों को बुनियादी सुविधाएं तक मुहैया नहीं करवा पा रही है। सरकारी सिस्टम के नाकारापन के कारण पूरे देश में उत्तराखंड छवि प्रभावित हो रही है। सरकार तत्काल यात्री सुविधाओं को बेहतर करने लिए ठोस कदम उठाए।
आर्य ने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज पर भी तीखा प्रहार किया है। कहा कि, जिस वक्त प्रदेश को उनकी जरूरत है, उस वक्त वो दुबई में फोटो खिंचवाने में मशरूफ थे। अब लौटे हैं तो व्यापारियों को जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं। यदि व्यापारियों का उत्पीड़न हुआ तो कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी। मंगलवार को आर्य ने हिन्दुस्तान से कहा कि चारधाम यात्रा की अव्यवस्थाएं जगजाहिर हो चुकी हैं। लेकिन, सरकार और उसके मंत्री विदेशों में सैरसपाटे या कोरी बयानबाजी कर व्यवस्थाओं के सुधार की आशा कर रहे हैं। भाजपा के प्रवक्ता सनातनधर्म की इस प्रसिद्ध यात्रा में हो रही मौतों को श्रद्धालुओं द्वारा मोक्ष प्राप्ति का प्रयास बता कर बिना इलाज के हो रही मार्मिक और दर्दनाक मौतों पर उपहास किया जा रहा है। अव्यवस्था का आलम यह है कि श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शन किए बिना ही लौटना पड़ रहा है। सरकार के लचर रवैये के चलते स्थानीय लोगों के साथ ही होटल, ढाबा, लॉच संचालक, घोड़ा-खच्चर मालिकों से लेकर फूल और प्रसाद बेचने वालों तक में जबरदस्त नाराजगी है।
तीन मई से शुरू हुई यात्रा में अब तक 39 यात्रियों की मृत्यु हो चुकी है। स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बेहद कमजोर है। राज्य की अर्थव्यवस्था में चारधाम यात्रा का 1200 करोड़ रुपये का योगदान है। यदि यही हालात रहे तो राज्य की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होगी।
आर्य ने पर्यटन मंत्री को कठघरे में करते हुए कहा कि महाराज और उनके विभााग के अधिकारियों ने आज तक एक भी बैठक स्थानीय व्यापारियों के साथ नहीं की। राज्य का कोई भी मंत्री या वरिष्ठ अधिकारी अभी तक सड़क मार्ग से चार धाम यात्रा और पैदल केदारनाथ नहीं गया है। मंत्री ओवररेटिंग पर व्यापारियों को जेल भेजने की चेतावनी भी दे रहे हैं, लेकिन राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार होटल, ढाबा, संचालकों के लिए रेट तय तक नहीं किए। चारधाम यात्रा की अव्यवस्थाओं की पोल राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य राजेन्द्र सिंह ने भी खोली है। उन्होंने सरकारी व्यवस्थाओं पर गंभीर सवालिया निशान लगाए हैं। आईटीबीपी और एनडीआरएफ को तैनात करने के बाद भी कोई सुधार नही हुआ है। व्यापारियों का उत्पीड़न हुआ तो कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।