चैंपियन और देशराज की वापसी के साथ ही पार्टी से निष्कासित सैकड़ों नेताओं की घर वापसी की उम्मीद बढ़ी

हल्द्वानी। भाजपा से निकाले गए विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन और देशराज कर्णवाल की पार्टी में वापसी के साथ ही प्रदेशभर में पार्टी से निष्कासित सैकड़ों नेताओं की घर वापसी की उम्मीद बढ़ गई है। पार्टी ने ऐसे राज्य में 400 से अधिक नेताओं की लिस्ट तैयार भी कर ली है। बताया जा रहा है कि इन सभी नेताओं का वनवास भाजपा के ‘दशरथ’ (भगत हल्द्वानी में ऊंचापुल स्थित रामलीला मेें वर्षों से राजा दशरथ का रोल अदा कर रहे हैं) यानी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर जल्द खत्म करवा सकते हैं। भाजपा ने प्रदेश में दूसरी पार्टियों की सक्रियता बढऩे के साथ ही मिशन 2022 के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इसी क्रम में पार्टी से निकाले गए नेताओं की वापसी पर काम किया जा रहा है। विधायक चैंपियन और कर्णवाल की वापसी के साथ ही प्रदेशभर में भाजपा से निकाले गए 400 से अधिक नेताओं की वापसी के लिए प्रदेश नेतृत्व ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। पार्टी से निकाले गए नेताओं की वापसी के लिए प्रकरण को जिला स्तरीय कमेटी व क्षेत्रीय विधायक की मंजूरी के बाद प्रदेश नेतृत्व को भेजा जाएगा। प्रदेश नेतृत्व उसमें पार्टी हाईकमान से मंजूरी लेगी। पार्टी हाईकमान से मंजूरी मिलते ही पार्टी से निकाले गए नेताओं की फिर से भाजपा में वापसी हो जाएगी।
15 दिन के भीतर हर जिले में कमेटी
भगत ने बताया कि पार्टी कार्यकर्ताओं की समस्याओं को दूर करने के लिए हर जिले में पांच सदस्यीय कमेटी बनाने का निर्णय है। इसमें जिलाध्यक्ष, दो वरिष्ठ सदस्य, दो महामंत्री और विधायक पदेन सदस्य रहेंगे। कमेटी कार्यकर्ताओं की समस्याओं को दूर कर क्षेत्र के मुद्दों को प्रमुखता से संगठन व सरकार तक पहुंचाएगी। दस सितंबर तक कमेटी बना ली जाएगी।
भाजपा से निष्कासित कुमाऊं के प्रमुख नेता
प्रमोद नैनवाल विधायक प्रत्याशी रानीखेत, रवि कन्याल प्रमुख कोटाबाग, जगमोहन बिष्ट-श्वेता बिष्ट पुत्र-बहु विधायक रामनगर दीवान बिष्ट, लाखन नेगी पूर्व प्रमुख, कल्पना बोरा महामंत्री महिला मोर्चा, गोविंद सामंत चंपावत, विक्रम बगड़वाल प्रमुख लमगड़ा समेत 400 से अधिक नेताओं को विधायक, निगम, पालिका, पंचायत चुनाव में विरोधी गतिविधियों पर निकाला गया है।
दूसरे संगठनों से जुड़ा कोई भी व्यक्ति भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर सकता है, लेकिन निकाले 400 से अधिक नेताओं की वापसी के लिए जिला, प्रदेश नेतृत्व और हाईकमान से मंजूरी जरूरी है। जिला स्तर से आने वाले प्रकरणों को प्रदेश नेतृत्व से मंजूरी के बाद हाईकमान भेजा जाएगा। मंजूरी मिलते ही फिर शामिल किया जाएगा। -बंशीधर भगत, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा


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