चकराता से हनोल के लिए निकली आध्यात्मिक यात्रा
विकासनगर। हर की पैड़ी से हनोल तक की आध्यात्मिक पदयात्रा ने गुरुवार को चकराता से हनोल के लिए प्रस्थान किया। सोलह नवंबर से शुरू हुई पदयात्रा गुरुवार को जाड़ी में रात्रि विश्राम करेगी। यात्रा का नेतृत्व कर रहे आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि हर की पैड़ी से हनोल तक निकलने वाली आध्यात्मिक पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य जौनसार बावर में युवाओं को नशे की प्रवृत्ति से दूर रखने के साथ ही क्षेत्र में बढ़ते अपराधों, लव जिहाद, धर्म परिवर्तन और वनों के अवैध कटान पर रोक लगाना है। इसके साथ ही यात्रा मकसद सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करना और गो रक्षा भी है। उन्होंने कहा कि आज गौमाता संकट में है और जौनसार बावर नशे की गिरफ्त में है। धर्म परिवर्तन और लव जिहाद भी जौनसार में पैर पसार चुका। इस यात्रा के माध्यम से भटके हुए नौजवानों में आध्यात्मिक जागृति पैदा की जा रही है। यात्रा के दौरान रास्ते में पड़ने वाले विभिन्न मंदिरों में पूजा अर्चना करने के बाद छावनी बाजार से अगले पड़ाव के लिए प्रस्थान किया। चकराता के टैक्सी स्टैंड पर अनेक लोगों ने यात्रा का स्वागत किया। छावनी परिषद के सदस्य अनिल चांदना ने कहा कि समय-समय पर इस प्रकार की यात्राएं होनी चाहिए, जिससे सनातन धर्म और संस्कृति का प्रचार प्रसार होता रहे। नई पीढ़ी को भी सनातन धर्म की समझ हो सके। इस दौरान आचार्य विवेक जोशी, आचार्य विद्या दत्त जोशी, राजकुमार मेहता, पंडित नितेश शर्मा, सरदार सिंह शर्मा, देवमाली अमित चौहान आदि मौजूद रहे।