चकराता के व्यापारियों ने लगाया कैंट बोर्ड पर उत्पीड़न का आरोप
विकासनगर। चकराता के व्यापारियों ने छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर परिषद पर व्यापारियों के उत्पीड़न का आरोप लगाया। ज्ञापन के माध्यम से व्यापारियों ने जल्द उत्पीड़न बंद नहीं किए जाने पर बाजार बंद कर आंदोलन की चेतावनी दी है। व्यापार मंडल चकराता द्वारा कैंट बोर्ड के मुख्य अधिशासी अधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि कैंट बोर्ड द्वारा पिछले कुछ समय से व्यापारियों को अनावश्यक रूप से नोटिस देकर परेशान किया जा रहा है। बताया कि चकराता बाजार ब्रिटिश काल से बसा हुआ है। उसी समय से यहां व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन होता रहा है। चकराता बाजार कैंट क्षेत्र के साथ ही आसपास के ग्रामीण इलाकों का भी मुख्य बाजार है। लेकिन बोर्ड द्वारा व्यापारियों को नोटिस देकर कहा जा रहा है कि आपको दी गई लीज व्यावसायिक नहीं बल्कि रिहायशी है। बताया कि इसी प्रकार कभी ट्रेड लाइसेंस, कभी अन्य कारणों से छापेमारी कर भय का माहौल पैदा किया जा रहा है।
व्यापार मंडल अध्यक्ष केशर चौहान, उपाध्यक्ष अनिल चांदना, सचिव अमित अरोड़ा, सह सचिव प्रदीप जोशी, पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष तीर्थ कुकरेजा, राहुल चांदना, सुनील जैन, प्रताप चौहान, प्रदीप सिह, विवेक अग्रवाल, राजकुमार मेहता, मनमोहन चौहान, पंकज जैन, राजेश्वर आदि का कहना है कि पूर्व में बोर्ड द्वारा गिरासू भवनों को गिराने के आदेश दिए गए। लोगों ने अपने भवन गिरा दिए, लेकिन अब उन्हें नया मकान बनाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। जिससे लोग अपने घर छोड़ अन्य जगहों पर रह रहे हैं। लोगों को मरम्मत की अनुमति देने में भी महीनों लगाए जा रहे हैं। उनका कहना है कि नियमों का हवाला देकर कैंट बोर्ड जानबूझ कर लोगों का उत्पीड़न कर रहा है। लोगों ने चेतावनी दी है की जल्द ही बोर्ड के अधिकारियों ने मामले का संज्ञान न लिया तो बाजार बंद कर कैंट बोर्ड के अधिकारियों के विरुद्ध आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।