चार माह से बिना मानदेय ड्यूटी कर रहे उपनल संविदा कर्मी

विकासनगर। कोरोना संक्रमण काल हर रोज ड्यूटी पर तैनात रहने के बावजूद चार माह से मानदेय नहीं मिलने के कारण उप जिला चिकित्सालय विकासनगर में तैनात उपनल संविदा स्वास्थ्य कर्मियों में आक्रोश है। कर्मचारियों का कहना है कि 52 दिन हड़ताल के बावजूद सरकार उनकी उपेक्षा कर रही है। जबकि कर्मचारियों ने सरकार के आश्वासन पर अपनी हड़ताल समाप्त की थी। जिसके बाद से ही सभी कर्मचारी कोविड महामारी के तहत अपनी ड्यूटी दे रहे हैं। उप जिला चिकित्सालय के विभिन्न विभागों में 23 उपनल संविदा कर्मी तैनात हैं। इनमें से अधिकांश कर्मचारी इन दिनों कोविड ड्यूटी के तहत गांवों में कोरोना जांच, संक्रमित मरीजों को दवाइयां मुहैया कराने और गंभीर मरीजों को हायर सेंटर पहुंचाने में लगे हुए हैं। उपनल संविदा कर्मचारी संगठन के पछुवादून अध्यक्ष अनिल गैरोला, राजेंद्र सिंह बायला, सुनदास, रतनदास, संजू आदि ने बताया कि फरवरी माह से अभी तक उन्हें मानदेय नहीं मिला है, जिससे परिवार का पालन पोषण मुश्किल हो गया है। अधिकांश कर्मचारी किराए के आवास में रहते हैं, ऐसे में चार माह से किराया नहीं देने के कारण उनके सामने आवास की समस्या भी पैदा हो गया है।बताया कि कोविड ड्यूटी के दौरान हर समय संक्रमित होने का खतरा बना रहता है। मानदेय के अभाव में संक्रमित कर्मचारी को उपचार कराना भी मुश्किल हो जाएगा। पिछले चार माह से बिना मानदेय के ही सभी कर्मचारी ओपीडी, आपातकालीन ड्यूटी समेत कोविड ड्यूटी की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। 52 दिनों की हड़ताल के दौरान सरकार की ओर से समय पर मानदेय भुगतान किए जाने का आश्वासन मिला था। लेकिन सरकार अब अपने वादे से पलट गई है। मानदेय के अभाव में कर्मचारियों को परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने सरकार से जल्द मानदेय दिए जाने की मांग की है।

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