सीबीएसई दसवीं के छात्र परिणामों से संतुष्ट नहीं तो दे सकते हैं फिर परीक्षा

देहरादून। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) का कोई छात्र अगर दसवीं के परिणामों से संतुष्ट नहीं है, तो वह परीक्षाएं दे सकता है। परीक्षा का मौका इंटरमीडिएट परीक्षाओं के समय ही मिलेगा। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण देखते हुए दसवीं की परीक्षाएं निरस्त कर दी हैं। साथ ही स्कूलों को तीन वर्ष के परिणाम के आधार पर मूल्यांकन करने के निर्देश दिए हैं। अब बोर्ड ने नए आदेश में यह बात कही है।
सीबीएसई ने मूल्यांकन नीति का प्रारूप स्कूलों को जारी कर दिया है। नई मूल्यांकन नीति के मुताबिक, छात्रों का परिणाम यूनिट टेस्ट, अर्द्धवार्षिक परीक्षा और प्री-बोर्ड परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर तैयार किया जाएगा। 10 अंक यूनिट टेस्ट, 30 अंक अर्द्धवार्षिक परीक्षा और 40 अंक प्री-बोर्ड परीक्षा के लिए र्निधारित किए गए हैं। वहीं 20 अंक आंतरिक मूल्यांकन के होंगे। बोर्ड ने साफ कर दिया है कि अगर किसी स्कूल ने तीन बार प्री-बोर्ड परीक्षा का आयोजन किया है तो छात्रों को औसत के आधार पर अंक प्रदान किया जाएगा। वहीं अगर विद्यार्थी ने पूरे वर्ष कोई परीक्षा नहीं दी है तो उसे ऑनलाइन परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा। इसके बाद अगर छात्र बोर्ड से मिले नंबर से संतुष्ट नहीं होंगे तो वे परीक्षा दे सकेंगे।

Powered by myUpchar

error: Share this page as it is...!!!!
Exit mobile version