सीबीआई के नए निदेशक बने सुबोध कुमार

रॉ में भी कर चुके हैं काम

नई दिल्ली (आरएनएस)। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन यानी सीबीआई को अपना नया बॉस मिल गया है। आईपीएस अधिकारी सुबोध जायसवाल सीबीआई के नए डायरेक्टर होंगे। नए सीबीआई चीफ के चयन को लेकर हाई पावर कमेटी की बैठक हुई थी। इस बैठक में पीएम मोदी, मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के साथ ही नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी मौजूद थे। सीबीआई का नया बॉस चुनने के लिए 90 मिनट तक बैठक चली और फिर सीबीआई चीफ के तौर पर सुबोध जायसवाल के नाम पर मुहर लगाई गई। सुबोध जायसवाल का कार्यकाल दो साल का होगा।
सुबोध जायसवाल महाराष्ट्र एटीएस के चीफ रह चुके हैं। वो मुंबई पुलिस कमिश्नर का भी पदभार संभाल चुके हैं। सुबोध जायसवाल फिलहाल सीआईएसएफ के महानिदेशक हैं। सुबोध जायसवाल 1985 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं। उन्होंने एक दशक से ज्यादा वक्त तक इंटेलिजेंस ब्यूरो, एसपीजी और रॉ के साथ भी काम किया है। सुबोध जायसवाल को 2 साल के लिए सीबीआई का निदेशक नियुक्त किया गया है।

उच्च स्तरीय समिति की अध्यक्षता
सीबीआई का नया बॉस चुनने के लिए पीएम मोदी, सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई एनवी रमना और लोकसभा में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी की मौजूदगी में उच्च स्तरीय समिति की बैठक हुई थी। जिसमें तीन नामों पर चर्चा चल रही थी। सीबीआई चीफ की रेस में उत्तर प्रदेश के डीजीपी एचसी अवस्थी, एसएसबी के डीजी कुमार राजेश चंद्रा और गृह मंत्रालय के विशेष सचिव वीएसके कौमुदी आगे चल रहे थे। लेकिन सुबोध कुमार जायसवाल ने बाजी मारी।

जासूसों का मास्टर कहा जाता है
आईपीएस सुबोध जायसवाल की छवि बेदाग और साफ-सुधरी मानी जाती है। पुलिस सेवा में बेहतरीन काम के लिए उन्हें 2009 में प्रेसिडेंट पुलिस मेडल से भी नवाजा जा चुका है। जायसवाल को जासूसों का मास्टर भी कहा जाता है। उन्होंने रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) में भी अपनी सेवाएं दी है। वह कैबिनेट सचिवालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर भी रह चुके हैं। एसके जायसवाल ने कई बड़े मामले जैसे करोड़ों रुपए के जाली स्टैंप पेपर घोटाले की जांच वाली टीम की अगुवाई की थी। इसके अलावा 2006 में मालेगांव विस्फोट की जांच भी सुबोध जायसवाल ने ही की थी। वह प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री व उनके परिवार की सुरक्षा करने वाले एसपीजी के इंटेलिजेंस ब्यूरो में भी काम कर चुके हैं।


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