कैंसर से लड़ने में कारगर हो सकता है औषधीय मशरूम

देहरादून। उत्तराखंड के जंगलों में पाए जाने वाला औषधीय मशरूम कैंसर समेत कई बीमारियों से लड़ने में कारगर हो सकता है। इस मशरूम पर शोध का यह प्रारंभिक निष्कर्ष है। क्लीनिकल ट्रायल में सफलता मिलने की सूरत में कैंसर रोगियों के लिए यह शोध बड़ी राहत साबित हो सकता है।

देहरादून के सरदार भगवान सिंह यूनिवर्सिटी की शोधार्थी ऐनी भांबरी औषधीय मशरूम की प्रजातियों में सक्रिय मेटाबोलाइट्स यानि तत्वों की पहचान पर शोध कर रही हैं। भांवरी और उनके मेंटर सीनियर इन्वेस्टिगेटर डॉ. संतोष कुमार कर्ण ने समाचार एजेंसी आरएनएस को  बताया कि उत्तराखंड के जंगलों में पाए जाने वाले मशरूमों की 17 प्रजातियों में से नई तकनीक एलसीएफ टॉफ और माल्डी टॉफ एमएस से मेटाबोलाइट्स की पहचान की जा रही है। इसमें बीटाग्लूकॉन एवं सेक्यूटरपीन नामक मेटाबोलाइट्स मिले हैं। उनका दावा है कि इनसे एंटी कैंसर दवा बनाई जा सकती है, जो कीमोथेरैपी में कारगर है।

भांवरी का रिव्यू आर्टिकल अंतर्राष्ट्रीय जर्नल फ्रंटियर्स इन माइक्रोबायोलॉजी, सेक्शन माइक्रो बायोटेक्नोलॉजी, स्विट्जरलैंड में प्रकाशित हुआ है। आलेख में कहा गया है कि मशरूम उच्च मात्रा में पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, इसमें फाइबर, विटामिन, खनिज पदार्थ, प्रोटीन, अमीनो एसिड पाया जाता है। इसमें पानी, पोटेशियम, तांबा, कैल्शियम, लोहा और फास्फोरस जैसे मूल्यवान खनिज होते हैं। अभी तक हुए रिसर्च में पता चला है कि मशरूम में पाए जाने वाले तत्वों में कैंसर, ट्यूमर, इंफलेमेट्री, एचआईवी, वायरल, परजीवी, डायबिटिक, माइक्रोबियल, हेपेटोप्रोटेक्टिव आदि से लड़ने की क्षमता है।


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