कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य को नहीं था उत्‍तराखण्‍ड की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं पर भरोसा

दिल्‍ली जाकर कराया आपरेशन

देहरादून। उत्‍तराखण्‍ड में यदि आप कोई वीआईपी नहीं हैं तो आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बुरी खबर है। जी हां यहां के आम लोगों को बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सेवायें देने का वादा करने वाली सरकार के मंत्री हों या संत्री  सभी अपने इलाज के लिए देश  राजधानी दिल्‍ली का रूख करते हैं। इसका ताजा उदाहरण कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य हैं।
अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र की सोमेश्वर विधानसभा आरक्षित सीट से धामी सरकार में दोबारा कैबिनेट मंत्री बनी रेखा आर्य का शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित मैक्स अस्पताल में पेट की रसौली का सफलतापूर्वक ऑपरेशन हुई। वह काफी समय से अस्वस्थ चल रही थी।

धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य पिछले कुछ समय अस्वस्थ चल रही थीं। वह पेट में रसौली के कारण परेशान थीं। ज्यादा तबीयत बिगड़ने पर शुक्रवार को उनका रसौली का ऑपरेशन हुआ। नई दिल्ली स्थित मैक्स अस्पताल में उनका ऑपरेशन हुआ। सर्जरी सफल हुई।
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य के अस्वस्थ होने की खबर मिलने के बाद से उनके क्षेत्र के लोगों के साथ ही पूरे प्रदेश से लोग उनके जल्द स्वास्थ्य होने की कामना कर रहे हैं। हालंकि चिकित्सकों से मिली जानकारी के अनुसार उनका ऑपरेशन सफल रहा है। अब सबसे अहम सवाल यह है कि क्‍या राज्‍य में कोई ऐसा विश्‍वसनीय अस्‍पताल नहीं है जहां मंत्री जी अपना इलाज करा सकती थी। यहीं नही यहां सरकार दावा करती है कि एम्‍स, हिमालयन, मैक्‍स, कैलाश जैसे अस्‍पताल राज्‍य में हैं और यहां हर प्रकार वो सुविधा उपलब्ध है जो कि एक आदमी के जीवन को बचाने के लिए काफी है। लेकिन क्‍या वो यहां की आम जनता का ही जीवन बचा सकती है खास लाेगों का नहीं। कोरोना काल में भी तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री हो या पूर्व मुख्‍यमंत्री सभी ने अपना इलाज दिल्‍ली जाकर ही किया। जबकि आम आदमी ने यहीं अपना इलाज कराया। अहम सवाल यह है कि क्‍या हमारे राज्‍य की स्‍वास्‍थ्‍य सेवायें इतनी लचर है जो हमारे मंत्रियों को इन पर भरोसा नहीं है। यही नहीं यहां के गरीब के बस में दिल्‍ली जाकर इलाज कराना नहीं है तो उसे ऐसे ही इलाज के अभाव में मर जाना चाहिए। बहरहाल जो भी हो एक बात तो साफ है कि बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं का दावा करने वाली सरकार के मंत्रियों को ही यहां की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं पर भरोसा नहीं है।