ब्रोंकोस्कोपी कर निकाली फेफड़े में फंसी सीटी

ऋषिकेश। 9 वर्षीय बच्चे के फेफड़े में फंसी सीटी को बिना सर्जरी किए ब्रोंकोस्कोपी के माध्यम से निकालने में एम्स,ऋषिकेश के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग ने सफलता पाई है। खेल-खेल में बच्चे ने छह दिन पहले सीटी निगल ली, जो फेफड़े में फंस गई थी। पूरी तरह से स्वस्थ होने पर बच्चे को एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
एम्स प्रशासन के मुताबिक एक सप्ताह पहले मुरादाबाद, उत्तरप्रदेश निवासी 9 वर्षीय एक बच्चे को खांसी और सांस लेने की शिकायत पर एम्स ऋषिकेश में चिकित्सीय परामर्श के लिए लाए। एम्स पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. मयंक मिश्रा ने एक्सरे और अन्य जांचों के बाद पाया कि बच्चे के बाएं फेफड़े में एक प्लास्टिक की सीटी फंसी है और उसकी वजह से फेफड़े की कोशिकाओं में सूजन बढ़ रही है। ज्यादा दिनों से फंसी होने के कारण सीटी ने फेफड़े में अपना स्थान भी बना लिया था। बच्चे की स्थिति को देखते हुए चिकित्सक ने तत्काल बच्चे की ब्रोंकोस्कोपी करने का निर्णय लिया। डॉ. मयंक ने बताया कि एनेस्थिसिया विभाग के डॉ. डी.के. त्रिपाठी के सहयोग से बच्चे की ब्रोंकोस्कोपी की गई और ऑपरेशन थिएटर में तकरीबन 45 मिनट की प्रक्रिया पूरी करने के बाद बच्चे के फेफड़े में फंसी सीटी को बेहद सावधानी से निकाल लिया गया। उन्होंने बताया कि बच्चे को अस्पताल लाने में यदि और ज्यादा दिन हो जाते तो उसकी हालत गंभीर हो सकती थी। चिकित्सीय निगरानी हेतु बच्चे को दो दिनों तक अस्पताल में रखा गया और पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद अब उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। एम्स निदेशक प्रोफेसर अरविंद राजवंशी ने इस क्रिटिकल ब्रोंकोस्कोपी करने के लिए चिकित्सकों की टीम की प्रशंसा की है।

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