बूढाकेदार में धूमधाम से मनाया बलिराज पर्व

नई टिहरी। थाती कठुड पट्टी के बूढाकेदार में बलिराज का पर्व धूमधाम से मनाया गया। क्षेत्र के आराध्य देवता गुरु कैलापीर के निशान को गाजे बाजे के साथ मंदिर से बाहर निकाला गया। ग्रामीणों ने देवता के निशान के साथ खेतों में दौड़ लगाकर यश कुशलता का आर्शीवाद लिया। इसके साथ ही तीन दिवसीय गुरु कैलापीर मेला भी शुरू हुआ। मुख्य पारम्परिक दीपावली के एक माह बाद बुधवार रात को क्षेत्र के ग्रामीणों ने पारंपरिक व्यंजन बनाकर, भैलो खेलने के साथ आतिशबाजी कर बड़े उत्साह के साथ मंगशीर की बग्वाल मनाई। साथ ही गांव की बालिकाओं द्वारा रामलीला मंचन भी किया गया। गुरुवार को बलिराज पर्व मनाया गया,जिसमें दूरदराज क्षेत्रों से सैकड़ों संख्या में आये श्रद्धालुओं ने शिरकत की। सुबह गुरु कैलापीर के मंदिर पूजा अर्चना की गई, जिसके बाद कैलापीर के 20 फीट लंबे निशान को मंदिर की खिड़की से ढोल दमाऊं, गाजे बाजे और लोगों की सीटी बजाने के साथ बाहर निकाला गया। गुरु कैलापीर के निशान के साथ सैकड़ों की संख्या में लोगों ने पुंडारा के सेरा (खेतों) में दौड़ लगाई, देवता के निशान के पीछे भागते हुए लोगों ने पुआल और फूल फेंककर देवता को अर्पित किये। दौड़ लगाने के बाद देवता के निशान को विधि विधान के साथ मंदिर में उनके स्थान पर स्थापित किया गया। ग्रामीणों ने मेले जमकर खरीदारी भी की। गुरु कैलापीर मंदिर समिति अध्यक्ष भूपेंद्र नेगी, हिम्मत रौतेला, जयप्रकाश राणा, पूरब सिंह नेगी, धनपाल गुनसोला आदि ने कार्यक्रम संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रशासन की ओर से गुरु कैलापरी मेले की सुरक्षा के लिए व्यापक सुरक्षा के प्रबंध किये गए थे।


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