रानीधारा सड़क में अविलम्ब डामरीकरण नहीं हुआ तो विभाग के खिलाफ होगा व्यापक जन आन्दोलन: बिट्टू कर्नाटक

अल्मोड़ा। नगर का मुख्य मार्ग रानीधारा वर्षों से बेहद खराब स्थिति में है लेकिन इसकी दशा सुधारने के लिए न ही सम्बन्धित विभाग और न ही जनप्रतिनिधि सुध ले रहे हैं यह बात आज प्रेस को जारी एक बयान में उत्तराखण्ड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने कही। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों से दो माह पूर्व रानीधारा सड़क का पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष/तत्कालीन भाजपा विधायक द्वारा भूमिपूजन तक कर दिया गया था, तब जनता को लगा कि अब इस सड़क के दिन सुधर जाएंगे, लेकिन ये भूमिपूजन मात्र एक चुनावी स्टंट साबित हुआ। श्री कर्नाटक ने कहा कि रानीधारा सड़क जो नगर का मुख्य लिंक मार्ग है जो आज अपनी बदहाल स्थिति में है। आलम यह है कि दो पहिया वाहन चालक एवं पैदल यात्री भी इस सड़क के गढ्ढों के कारण चोटिल हो चुके हैं। इस सड़क में मिट्टी एवं गढ्ढों के अलावा कुछ रह नहीं गया है। उन्होंने कहा कि बड़े शर्म की बात है कि इस सड़क के सुधारीकरण एवं डामरीकरण की कोई बात तक नहीं कर रहा। वर्षों से केवल यह सुना जा रहा है कि इस सड़क के डामरीकरण का टेन्डर हो गया है, लेकिन ये टेन्डर सिर्फ सफेद हाथी साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस सड़क पर बच्चों के विद्यालय स्थित हैं। सैकड़ों बच्चे प्रतिदिन इस सड़क से आवागमन करते हैं, लेकिन सम्बन्धित विभाग को इससे भी कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि एक बारिश में यह सड़क कीचड़ के तालाब में बदल जाती है जिससे स्थानीय जनता का इस सड़क पर चलना मुश्किल हो जाता है। श्री कर्नाटक ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि यदि एक माह के भीतर सम्बन्धित विभाग ने रानीधारा मार्ग (साई मन्दिर से धार की तूनी) के डामरीकरण/सुधारीकरण के कार्य का टेण्डर कर कार्य प्रारम्भ नहीं किया तो वे सम्बन्धित विभाग के खिलाफ चरणबद्ध तरीके से व्यापक जन आन्दोलन करने को बाध्य होंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी सम्बन्धित विभाग की होगी। श्री कर्नाटक ने कहा कि अधिकारियों की भी शायद आदत हो गयी है कि जब तक उनके खिलाफ धरना प्रदर्शन,जन आन्दोलन ना किया जाए तब तक उनके कानों में जूं नहीं रेंगती। उन्होंने कहा कि विभागों के अधिकारियों की इस भ्रष्ट कार्यशैली के कारण आम जनता को परेशानियां झेलनी पड़े इसे वे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। अधिकारी या तो अपनी कार्यशैली बदलें या व्यापक जन आन्दोलन के लिए तैयार रहें।


Exit mobile version