भोजनमाताओं ने की 8500 रुपये प्रति माह मानदेय की मांग

विकासनगर। उत्तराखंड भोजनमाता संगठन की जूनियर हाईस्कूल गुतियाखाटल में संपन्न हुई बैठक में प्रति माह 8500 रुपये मानदेय दिए जाने की मांग प्रदेश सरकार से की गई। इसके साथ ही भोजनमाताओं ने विभिन्न समस्याओं पर चर्चा करते हुए उनके निराकरण के लिए शिक्षा मंत्री से मिलने का निर्णय लिया। संगठन की प्रेदश अध्यक्ष उषा देवी ने कहा कि प्रदेश के प्राथमिक से लेकर माध्यमिक विद्यालयों में वर्ष 2003 से भोजनमाताएं अपनी सेवा दे रही हैं। अब सरकारी विद्यालयों में लगातार छात्र संख्या घट रही है, जिसके चलते भोजनमाताओं की सेवा समाप्त की जा रही है। उन्होंने कहा कि दस वर्ष से अधिक की सेवा दे चुकी भोजनमाताओं को विद्यालय से पृथक नहीं किया जाना चाहिए। कहा कि अभी भी प्रदेश भर की भोजनमाताएं अल्प मानदेय में काम कर रही हैं। मानदेय बढ़ाए जाने की मांग को लेकर कई बार आंदोलन किया जा चुका है। बावजूद इसके प्रदेश सरकार उनकी समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रही है। दिन प्रतिदिन बढ़ती महंगाई को देखते हुए भोजनमाताओं को साढ़े आठ हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाना जरूरी है। इसके साथ ही भोजनमाता कल्याण कोष गठित कर पैंसठ से सत्तर साल की भोजनमाताओं को सम्मानजनक राशि देकर सेवानिवृत्त किया जाना चाहिए। इस दौरान मनीषा, प्रतिमा, कमला राणा, कविता, छुमा देवी, नारायणी, उर्मिला देवी, सपना, कला, तितलो देवी, जानकी देवी, शांता, हेमा आदि मौजूद रहे।