भारत ने विकसित किया दुनिया का सबसे खतरनाक विस्फोटक, चंद सेकंड में मचा देगा तबाही

नई दिल्ली (आरएनएस)। भारत रक्षा क्षेत्र में लगातार नई उपब्धियां हासिल कर रहा है. इसके साथ ही भारत रक्षा उत्पादन में भी पड़ोसी देशों को पीछे छोड़ता जा रहा है. इस बीच भारत ने एक ऐसा विस्फोटक पदार्थ तैयार किया है जो ट्राइनाइट्रोटॉल्विन से दोगुना ज्यादा घातक है. जिसे सेबेक्स 2 नाम दिया गया है. जिसे दुनिया के सबसे ताकतवर गैर-परमाणु विस्फोटकों में से एक माना जा रहा है.
इस विस्फोटक के इस्तेमाल से  बमों, आर्टिलरी शेल्स और वारहेड्स की क्षमता में कई गुना बढ़ा देगा. यही नहीं इस नए विस्फोटक का वजन भी काफी कम है. सेबेक्स-2 के फॉर्म्युलेशन को भारतीय नौसेना ने सोमवार को टेस्टिंग के बाद सर्टिफाई भी कर दिया है.
इस विस्फोटक की भारतीय नौसेना के डिफेंस एक्सपोर्ट प्रमोशन स्कीम के तहत टेस्टिंग की गई है. इस विस्फोटक के इस्तेमाल से वर्तमान हथियारों की क्षमता में कई गुना की बढ़ोतरी होगी. यही नहीं भारत द्वारा विकसित कि गए इस विस्फोट को दुनियाभर की सेनाएं इस्तेमाल करने के लिए आगे आएंगी. बता दें कि इस इस विस्फोटक को मेक इन इंडिया के तहत, इकॉनोमिक एक्सपलोसिव लिमिटेड ने विकसित किया है.
बता दें कि किसी विस्फोटक की क्षमता या उसकी ताकत को टीएनटी से तुलना कर आंकी जाती है. टीएनटी का मतलब ट्राइनाइट्रोटॉल्विन है जो दुनिया का सबसे लोकप्रिय और ताकतवर विस्फोटक है. एक ग्राम टीएनटी के विस्फोट में निकलने वाली ऊर्जा लगभग 4000 जूल के बराबर होती है. एक मीट्रिक टन यानी एक हजार किलोग्राम टीएनटी के धमाके से जितनी ऊर्जा निकलती है उसे टीएनटी समतुल्य यानी टीएनटी के बराबर माना जाता है. जो जितना टीएमटी समतुल्य होगा वह विस्फोटक उतना ही ज्यादा घातक होगा.
बता दें कि भारत का तब तक का सबसे घाटक विस्फोटक ब्रह्मोस मिसाइल के वारहेड में लगाया जाने वाला है. जिसकी टीएनटी 1.50 समतुल्य है.  फिलहाल दुनिया के अधिकतर वारहेड्स की टीएनटी तुल्यता 1.25-1.30 के बीच होती है. सेबेक्स-2 की टीएनटी तुल्यता 2.01 है. जो अब तक का सबसे घातक गैर-परंपरागत विस्फोटक माना जा रहा है.


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