भाकियू के साथ तहसील में धरने पर बैठे किसान
रुड़की। किसानों की समस्या को लेकर भाकियू पटेल व रोड गुट के कार्यकर्ताओं ने एकसाथ प्रदर्शन किया और फिर तहसील परिसर में ही धरने पर बैठ गए। एसडीएम ने उनके संयुक्त प्रतिनिधिमंडल से बात की। वार्ता में ज्यादातर मांगों पर दोनो पक्षों के बीच सहमति बनने के बाद किसानो ने धरना समाप्त कर दिया। भारतीय किसान यूनियन ने किसानो की समस्याओं को लेकर 21 मार्च में तहसील मुख्यालय पर आंदोलन का नोटिस दिया था। मंगलवार को भाकियू (पटेल) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कीरत सिंह व भाकियू (रोड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पदम सिंह के साथ किसान चीनी मिल गेट पर इकट्ठा हुए और वहां से पैदल जुलूस निकालकर तहसील मुख्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने नारे लगाकर शासन प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई। आरोप लगाया कि किसान का शोषण हो रहा है। उनकी चिंता न सरकार को है न प्रशासन को। इसके बाद एसडीएम गोपालराम बिनवाल ने उनके प्रतिनिधिमंडल से अपने कार्यालय में वार्ता की। प्रतिनिधिमंडल ने राजस्व, पुलिस, स्वास्थ्य, सिंचाई, आपूर्ति, उर्जा निगम, पशुपालन, उद्यान, चकबंदी, गन्ना, शिक्षा, नलकूप, जल निगम, सहकारिता, कृषि तथा कई दूसरे विभागों से संबंधित किसानो की 12 मांग एसडीएम के सामने रखी। एसडीएम ने इनमें से कुछ पर तत्काल कार्रवाई शुरू करने और बाकी शासन को भेजने का आश्वासन दिया। इस आश्वासन पर चार घंटे बाद किसानो ने अपना धरना समाप्त कर दिया। धरने में महंत अमनदीप, विकास, रजनीश, घनश्याम, जसवीर सिंह, जावेद, मांगेराम, अमर सिंह, विजयपाल, बालचंद, राकेश, राजेंद्र सिंह, बलविंदर सिंह, सुरेश शर्मा, अंकित राठी, पवन सिंह, अंकुर चौधरी, सुबोध, समर सिंह, वरुण कुमार, सिद्धार्थ, असलम, भूपेंद्र, प्रमोद प्रधान, शाहनवाज, शहजाद, रजत शर्मा, इस्लाम, रईस, बलविंदर सिंह सोमेंद्र चौधरी, बिजेंद्र सिंह, आदि शामिल थे।