ये दो राज्य और दक्षिण का आसरा, भाजपा को कहां से है ‘4 जून 400 पार’ की उम्मीद; क्या कहते हैं जानकार

नई दिल्ली (आरएनएस)।  लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत 102 सीटों पर मतदान हो चुका है। वहीं सूरत लोकसभा सीट पर भाजपा का कैंडिडेट निर्विरोध ही जीत चुका है। इसके साथ ही चुनाव का नतीजा आने से पहले ही 400 सीटों का नारा देने वाली भाजपा का खाता खुल गया है। विपक्षी दलों की ओर से जहां 400 के दावे पर सवाल उठाते हुए जीत को लेकर की आशंका जताई जा रही है तो वहीं भाजपा का कहना है कि यह नारा हकीकत में तब्दील होगा। इस बारे में पूछे जाने पर भाजपा के रणनीतिकार कहते हैं कि उत्तर भारत में पार्टी ने 2019 के आम चुनाव में अपना टॉप प्रदर्शन कर लिया था। ऐसे में यह आंकड़ा अब पूर्वी और दक्षिणी भारत के जरिए छुआ जा सकता है।
भाजपा के रणनीतिकार यह भी कहते हैं कि टास्क बेहद मुश्किल जरूर है, लेकिन असंभव नहीं है। जानकारों का कहना है कि भाजपा को यदि 400 के करीब पहुंचना है तो उसे इस बार दक्षिण और पूर्वी भारत में भी वही सफलता पानी होगी, जो उसने 2014 और 2019 में उत्तर भारत में पाई थी। पोल कराने वाली कंपनी एक्सिस माय इंडिया के चेयरमैन प्रदीप गुप्ता कहते हैं, ‘2019 में एनडीए ने 352 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसका मतलब है कि इस बार उसे अतिरिक्त 48 सीटों की जरूरत होगी। भाजपा और एनडीए का प्रदर्शन इस बार तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश जैसे साउथ के राज्यों पर भी निर्भर करेगा।’