
नई टिहरी(आरएनएस)। भिलंगना ब्लॉक के गांवों में अतिवृष्टि कहर बनकर बरस रही है। लगातार हो रही भारी बारिश से थार्ती सरमोली गांव में जमकर तबाही मची है। गांव के 25 परिवारों को तहसील प्रशासन ने सुरक्षित स्कूल भवन में शिफ्ट कर दिया है। 2018-19 में भी यहां प्राकृतिक आपदा से नुकसान हुआ था। वहीं ग्यारह गांव के पट्टी के सरूणा गांव के बडियार कुड़ा तोक में भी भारी बारिश के बाद भूस्खलन से हालात खराब हैं। यहां कई घरों पर खतरा मंडरा रहा है। बीते चार दिनों से हो रही भारी बारिश से भिलंगना ब्लॉक में जमकर तबाही मची है। थार्ती सरमोली गांव में भारी बारिश का कहर देखने को मिला है।
यहां कई मकान क्षतिग्रस्त होने की सूचना है। एसडीएम संदीप कुमार ने राजस्व विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंचकर गांव का जायजा लिया। गांव के रूपचंद सिंह पुंडीर सहित कई ग्रामीणों के आवासीय मकान बारिश और भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हुए हैं। कुछ मकानों की दीवारें पूरी तरह धंस गईं। जबकि कई घरों में गहरी दरारें पड़ी है। गांव में उत्पन्न हालात से ग्रामीण दहशत में हैं। कई परिवार सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हो गए हैं। उन्होंने गांव के पुनर्वास की मांग की है। भूस्खलन से रास्तों, संपर्क मार्ग, गूल आदि को भी नुकसान हुआ है। गांव के प्रधान विकास बिष्ट ने बताया कि 30 से 40 मीटर लंबे क्षेत्र में दरारें पड़ रही है। कहा कि 2019 से ग्रामीण विस्थापन पुनर्वास की मांग कर रहे। दूसरी,ओर भारी बारिश से सरूणा ग्यारह गांव के बडियार कुड़ा तोक में भी बारिश से तबाही मचाई है। बुधवार सुबह को भारी बारिश के बाद गांव का गदेरा उफान पर आ गया है। जिसकी चपेट में आने से कई हेक्टेयर कृषि भूमि बर्बाद हो गई। कई घरों के पास भूस्खलन हुआ है। जिससे ग्रामीणों के घरों पर खतरा मंडरा खतरा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि मूसलाधार बारिश से उनकी मेहनत की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। जगह-जगह भूस्खलन और मलबा आने से खेतों में दरारें पड़ गई हैं। पूर्व ब्लॉक प्रमुख बसुमति घणाता ने गांव में नुकसान का जायजा लिया। इस संबंध में एसडीएम संदीप कुमार का कहना है कि 2022 में थार्ती सरमोली गांव के 13 परिवारों को विस्थापन किया जाना था। लेकिन यहां न तो राजस्व विभाग की भूमि है और अन्य भूमि। गांव के लोगों के पास जो जमीन है भी, वह भूगर्भीय सर्वे में फेल हो गई थी। अब निकटवर्ती वन क्षेत्र का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा। शासन से स्वीकृति मिलते ही ग्रामीणों का विस्थापन करेंगे। बताया कि बारिश से 25 परिवारों को स्कूल भवन में शिफ्ट कर दिया है। उन्हें तिरपाल और खाद्य सामग्री वितरित की है। राजस्व निरीक्षक कामेश्वर भट्ट टीम सहित गांव में ही डेरा डाले हुए है।