बारिश से दो मकान ध्वस्त, जिले की आठ सडक़ें बंद

बागेश्वर। जिले में मानसूनी बारिश का दौर जारी है। सोमवार की रात को भी जिले की सभी तहसीलों में बारिश हुई। कांडा तहसील के रतघर और बागेश्वर के सेला गांव में बारिश से दो मकान ध्वस्त हो गए। वहीं जिले की आठ सडक़ों पर मंगलवार को भी यातायात बाधित रहा। इससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को परेशानी अधिक बढ़ गई है। सोमवार की रात भी एक मकान बारिश की भेंट चढ़ गया। कमेड़ीदेवी के रतघर गांव के रात के करीब 12 बजे जगदीश चंद्र जोशी पुत्र गोवर्द्धन जोशी का आवासीय मकान ढह गया। परिवार के सदस्यों ने किसी तरह से बाहर आकर जान बचाई। मंगलवार को राजस्व उपनिरीक्षक रफत खान ने मौके पर जाकर नुकसान का जायजा लिया। प्रभावित परिवार को पड़ोस के मकान में ठहराया गया है। इधर बागेश्वर तहसील के सेला गांव में चंदन राम पुत्र बची राम का मकान भी तीक्षण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया। परिवार के पांच सदस्यों ने अन्यत्र शरण ली है। इसके अलावा कलढूंगा के प्रकाश चंद्र पुत्र नंदाबल्लभ का मकान भी आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है। प्रशासन की टीमों ने प्रभावित परिवारों को सरकारी सहायता सहायता उपलब्ध कराई। सभी मकानों का जायजा लेकर नुकसान का आंकलन तैयार कर लिया है।
सोमवार की रात को कपकोट में सबसे अधिक 25 मिमी बारिश हुई। इससे सरयू नदी का जलस्तर मामूली बढ़ोतरी के साथ 866.80 मीटर तक पहुंच गया। गरुड़ तहसील में 10 और बागेश्वर में 7.50 मिमी बारिश हुई। गोमती नदी का जलस्तर 863 मीटर पर रहा।
मानसूनी बारिश का दौर धीरे-धीरे कम हो रहा है। इसके बावजूद अब तक कई सडक़ों पर यातायात सुचारु नहीं हो पाया है। मंगलवार की सुबह दस सडक़ों पर यातायात बाधित था। दोपहर बाद तक धैना और डंगाली-सलानी रोड को खोल दिया गया। हालांकि अब भी सनगाड़-बास्ती, धपोली-जेठाई, कौसानी-भतडिय़ा, मल्लाडोबा-नौघरस्टेट, रौल्यांना-लोहागढ़ी, शामा-नौकोड़ी, बघर और नामतीचेटाबगड़ मोटर मार्ग पर यातायात ठप है। जिसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण जरूरी सामान के लिए मीलों पैदल चलने को मजबूर हैं। इसके अलावा रावतसेरा-बांसपटान रोड में रावतसेरा के पास एक सूखा चीड़ का पेड़ गिर गया। इसके कारण कई घंटे तक यातायात ठप रहा। ग्रामीणों ने किसी तरह से पेड़ को हटाकर छोटे वाहन गुजरने लायक रास्ता बनाया।
पूर्व विधायक और पूर्व जिपं अध्यक्ष ने लिया नुकसान का जायजा
मानसूनी बारिश ने कपकोट तहसील में सबसे अधिक नुकसान किया है। रामगंगा घाटी के हांप्टीकापड़ी गांव में बारिश के कारण विद्यालय व कई आवासीय घर खतरे की जद में आ गए हैं। मकानों में दरारें पड़ गई हैं। जिससे लोग सहमे हुए हैं। पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण व क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य व पूर्व जिपं अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने गांव का भ्रमण कर बारिश से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र कापड़ी गांव का भ्रमण किया। उन्होंने प्रभावितों से बातचीत की। लोगों ने उनसे गांव के प्रभावित लोगों को विस्थापित कराने की मांग की। जिसे उन्होंने शासन-प्रशासन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। इस मौके पर पूर्व प्रधान नरेंद्र कोरंगा, राजस्व उपनिरीक्षक दीपक लाल वर्मा आदि मौजूद रहे।


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