
पौड़ी(आरएनएस)। पौड़ी जिले की थलीसैंण तहसील के बाकुंडा में बीती 6 अगस्त से लापता 5 नेपाली मजदूरों का तीन दिन बाद भी कोई पता नहीं चल सका। लापता इन मजदूरों की खोजबीन के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुक्रवार को भी चला। एसडीआरएफ की टीम ने सर्च अभियान के तहत मौके से लेकर पूरे गदेरे में लापता मजदूरों की खोज की। शुक्रवार को शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने भी आला अफसरों के साथ मौके का जायजा लिया और लापता मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। वहीं शुक्रवार को क्षेत्र में मौसम ने भी साथ नहीं दिया और वहां हल्की बारिश होती रही इसका असर सर्च ऑपरेशन भी पड़ता दिखाई दिया। बीती 6 अगस्त को बाकुंडा गांव के ऊपर से गदेरे में आए भारे मलबे और पानी के बहाव में जगतपुरी-देहघाट मोटरमार्ग के किनारे बाकुंडा में लगे नेपाली डेरा बह गया था। तभी से ये मजदूर भी लापता चल रहे है। क्षेत्र की खस्ता हाल सड़कों को भी लोनिवि एक सिरे खोल रहा है। थलीसैंण तहसील मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर यह ऑपरेशन चल रहा है। गदेरे के साथ आया भारी मलबा की वजह से भी सर्च अभियान में जुटी टीम को काफी समय लग रहा है। शुक्रवार को स्थानीय अफसरों के साथ मौके पर शिक्षा मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक डॉ धन सिंह रावत ने भी यहां क्षति का जायजा लिया। उन्होंने जहां लापता मजदूरों की खोजबीन में तेजी लाने को कहा वहीं आपदा से हुए नुकसान का शीघ्र आंकलन के भी निर्देश दिए। डॉ रावत ने कहा कि प्रभावितों के साथ सरकार खड़ी है और हर संभव मदद मुहैया करवाई जा रही है। थलीसैंण के एसडीएम श्रेष्ठ गुनसोला ने बताया कि लापता 5 मजदूरों की खोजबीन में एसडीआरएफ की पूरी सर्च टीम जुटी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि गेदेरे से पानी के तेज बहाव में ये मजदूर बिनो नदी के बहाव में बह गए। नदी थलीसैंण से कुमाउं की तरफ बहकर जाती है। लापता मजदूरों में नरेंद्र बहादुर खटका, उनकी पत्नी संध्या खटका, उनका बेटा रोमन खटका सहित अमृता परिहार और विमल शामिल है।





