बहुचर्चित कैमुना केडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी धोखाधड़ी के मामले में एक अभियुक्त की जमानत याचिका खारिज

अल्मोड़ा। धोखाधड़ी/गबन के एक मामले में सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुल्तान के न्यायालय में अभियुक्त जयपाल सिंह पालनी पुत्र आनन्द सिंह पालनी निवासी ग्राम गागिल पो० पातलीबगड़ थाना सोमेश्वर जिला अल्मोड़ा द्वारा धारा-420, 400, 406 ताहि0 के तहत अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपनी जमानत हेतु जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। जिस पर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा द्वारा अभियुक्त की जमानत का घोर विरोध करते हुए न्यायालय को यह बताया कि वादी मुकदमा भूपेन्द्र सिंह नेगी पुत्र चन्दन सिंह नेगी निवासी जैचोली सोमेश्वर द्वारा 17 अक्टूबर 2020 को थाना सोमेश्वर में एक तहरीर इस आशय से दी कि अभियुक्त जयपाल सिंह पालनी (रीजनल मैनेजर) कैमुना केडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लि0 के विभिन्न बैंको में प्रचलित बैंक खातों के लिये प्राधिकृत हस्ताक्षरी थे जिसमें से नामजद अभियुक्त जयपाल सिंह पालनी सोसाइटी के पंजाब नेशनल बैंक अल्मोड़ा के खाते के लिए प्राधिकृत हस्ताक्षरी था एवं यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया लोहाघाट का सोसाइटी का प्रचलित खाता भी प्रकाश में आया, जिसके प्राधिकृत हस्ताक्षरी में अभियुक्त जयपाल सिंह पालनी शामिल है। कैमुना क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के सोमेश्वर शाखा के बैंक खाते के माध्यम से कुल 91 बार में 52,47,950 रुपया नकदी के रूप में जमा किया गया है, एवं खाते में वर्तमान समय में 3276 रुपया नकदी के रूप में जमा किया जाना एवं खाते में वर्तमान समय में जीरो बैलेन्स होना बताया गया है। उक्त शाखा प्रबन्धकों के बयानों से स्पष्ट है कि उक्त दोनों बैंक खातों में सोमेश्वर शाखा के निवेशकों का जो पैसा जमा किया गया था, वह पैसा बैंक खाते के प्राधिकृत हस्ताक्षरी व्यक्तियों द्वारा निकाला गया। अभियुक्त से पूछताछ के दौरान उक्त दोनों बैंक खातों में जमा धनराशि को कहाँ खर्च किया गया है और किस प्रयोजन के लिए धनराशि बैंक खातों से निकाली गयी इसका कोई स्पष्ट उत्तर अपने बयानों में नहीं दिया है। तथा पंजाब नेशनल बैंक के उक्त खाते के लिए जयपाल सिंह पालनी एवं भारतीय स्टेट बैंक बागेश्वर के उक्त खाते के लिए दीपक राम को असिस्टेन्ट डिविजनल मैनेजर प्राधिकृत हस्ताक्षरी थे जिनके हस्ताक्षर से ही उक्त खातों में जमा पैसा निकलता था। उक्त सोसाइटी द्वारा सोमेश्वर में शाखा खोलने के बाद मार्च 2019 तक सब कुछ सही चलता रहा और समय के अनुसार निवेशकों के परिपक्वता हो चुके खाता धारकों को भुगतान भी किया गया था लेकिन सोसाइटी के पदाधिकारियों द्वारा माह अप्रैल 2019 से बेईमानी की नियत से लोगों को भुगतान करना बंद कर दिया था और माह सितम्बर 2019 के बाद भुगतान करना पूर्ण रूप से बंद कर दिया। निवेशकों द्वारा अपना पैसा वापस पाने के लिए सोसाइटी के कई चक्कर लगाये लेकिन सोसाइटी के पदाधिकारी झूठा आश्वासन देते रहे और निवेशकों के पैसों का भुगतान नहीं किया तथा उनके द्वारा एक सुनियोजित षड़यंत्र के तहत बेईमानी एवं धोखाधड़ी की नियत से स्थानीय लोगों को अपने जाल में फंसाकर स्थानीय लोगों से सोसाइटी में निवेश कराकर सोसाइटी के उक्त बैंक खातों में जमा कराये गये और बाद में धोखाधड़ी बेईमानी से अमानत में खयानत करके क्षेत्र के लगभग 118 निवेशकों का करीब 55,66,824/ (पचपन लाख छियासठ हजार आठ सौ चौबीस रुपया) का गबन किया गया है। उक्त मामले में अभियोजन की और से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा एवं विशेष लोक अभियोजक भूपेन्द्र कुमार जोशी ने मामले में सबल पैरवी की गयी। न्यायालय द्वारा पत्रावली का परिशीलन कर अभियुक्त की जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए आज 11 अक्टूबर को खारिज की गई।

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