बाहरा विश्वविद्यालय अगले शैक्षणिक सत्र से विशेष पाठ्यक्रम करेगा शुरू

सोलन(आरएनएस ब्यूरो)। बाहरा विश्वविद्यालय वाकनाघाट ने आज शिमला में प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया।
सम्मेलन की अध्यक्षता कुलपति बाहरा विश्वविद्यालय प्रो.डॉ. बी.एस. नागेंद्र पाराशर ने की। डॉ. पाराशर को देश के विशिष्ट संस्थानों जैसे बिट्स पिलानी, केएल यूनिवर्सिटी, प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी बैंगलोर, जीएमआर फाउंडेशन में विभिन्न स्तरों पर काम करने का 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है।
डॉ. पराशर ने उद्योग अकादमिक जुड़ाव पर जोर दिया और छात्रों को कैसे लाभान्वित किया जा सकता है, इस बारे में बात की। उन्होंने यह भी कहा कि एक कर्मचारी होने के लिए यह हमारी अंतर्निहित शिक्षा है लेकिन वर्तमान युग को देश भर में बेरोजगारी को मिटाने के लिए कर्मचारियों की तुलना में नियोक्ताओं की आवश्यकता है।
डॉ. पाराशर ने विश्वविद्यालय द्वारा अपनाए गए सीडीआईओ मॉडल को भी साझा किया जिसके द्वारा छात्र अपने उद्यमिता कौशल को विकसित कर सकते हैं और एक उद्यमी बनने के करीब पहुंच सकते हैं।
उन्होंने राज्य के ग्रामीण समुदाय को ध्यान में रखते हुए अगले शैक्षणिक सत्र से विशेष पाठ्यक्रम शुरू करने पर भी जोर दिया। रेशम उत्पादन, बागवानी, कृषि, मछली पालन आदि जैसे पाठ्यक्रम पेश किए जाएंगे जो सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि से राज्य को सीधे लाभ पहुंचा सकते हैं।
यह सम्मेलन बाहरा विश्वविद्यालय की भविष्य की योजनाओं को बताने के लिए आयोजित किया गया था जो जनता के लिए फायदेमंद होगा।

अनुराग अवस्थी निदेशक एडमिशन एंड मार्केटिंग बाहरा विश्वविद्यालय ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय ने पहले ही दुनिया भर में वर्तमान कोविड परिदृश्य और वित्तीय मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्ति की घोषणा की है।
पीआरओ बाहरा विश्वविद्यालय गौरव बाली ने कहा कि ग्रुप चेयरमैन गुरविंदर सिंह बहरा और वीसी विश्वविद्यालय के उचित मार्गदर्शन में नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने जा रहा है और लक्ष्य ने मुझे भारत में शीर्ष 100 विश्वविद्यालय बनाने का लक्ष्य रखा है।