बागेश्वर में धधक रहे चीड़ के जंगल

बागेश्वर। जिले में इन दिनों चीड़ के जंगल धधक रहे हैं। धुएं से आसमान में सुबह से धुंध छाई हुई है। इस वजह से सुबह के समय ठंड पडऩे लगी है। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। लोगों ने वन विभाग से जंगल की आग पर काबू पाने की मांग की है। होली समाप्त होते ही जिले के चीड़ के जंगल जलने लगे हैं। कई क्षेत्रों में जंगल की आग लोगों के आंगन तक पहुंच गई है। इससे लोग दहशत में जीवन यापन कर रहे हैं। वनाग्नि से लाखों रुपये की कीमती इमारती लडक़ी जलकर नष्ट हो गई है। जलस्रोतों पर भी संकट गहराने लगा है। इधर लगातार जंगल जलने से वातावरण में धुंध छाने लगी है। इस कारण श्वांस तथा दमा के रोगियों की परेशानी बढऩे लगी है। धुंध से सुबह काफी ठंड हो रही है। इसका स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। अराजक तत्वों ने वन विभाग की नींद उड़ा दी है। विभाग एक जंगल की आग ढंग से बुझा नहीं पा रहा कि दूसरे जंगल में आग भडक़ रही है। इधर डॉक्टर एलएस बृजवाल ने कहा कि धुंध के कारण सूरज की किरण सही से जमीन पर नहीं पहुंच रही है। ऐसे मौसम में बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य का खास ध्यान रखना चाहिए। सुबह के समय गला और सिर को ढककर रखें और गुनगुना पानी पिएं। स्वास्थ्य के रोगी नियमित स्वास्थ्य जांच करें। उधर प्रभागीय वनाधिकारी बीएस शाही ने बताया कि जंगल की आग को लगातार बुझाया जा रहा है। वन कर्मी रात्रि गश्त भी कर रहे हैं। 174 फायर वॉचर आग बुझाने में तैनात हैं।


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