बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं और एसटीएच को एम्स बनाने की मांग को लेकर दिया धरना
पिथौरागढ़। क्षेत्र की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और कुमाऊं के सबसे बड़े सुशीला तिवारी अस्पताल को एम्स बनाने की मांग को लेकर राज्य आंदोलनकारियों ने धरना दिया। राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल के सम्मुख धरना देते हुए राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। अस्पतालों का कार्य केवल रेफर करना भर रह चुका है। जनता को समुचित उपचार नहीं मिल रहा है। पहाड़ के लोगों को हल्द्वानी पहुंच कर उपचार मिलता है। पर्वतीय क्षेत्र के अस्पतालों में चिकित्सक तक तैनात नहीं है और दवाईयां तक नहीं मिलती हैं। सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है। एक सुर से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की मांग की गई। इस अवसर सुशीला तिवारी अस्पताल को एम्स बनाने की मांग की गई।
धरना देने वालों में राज्य आंदोलनकारी मोहन पाठक, व्यापार संघ अध्यक्ष हरीश बथ्याल, जीवन पाठक, सुरेश पिपलिया, मुन्ना कुमार, लकी पिपलिया, सुरेश पालिया आदि शामिल थे। सीमांत में स्वास्थ्य सेवाओं का बूरा हाल: सीमांत में उचित स्वास्थ्य सुविधाएं न होने से यहां के लोगों को महंगे इलाज के लिए मैदानों का रूख करना पड़ता है। कई अस्पतालों में स्टाफ का अभाव है तो कई अस्पतालों में संयत्र स्टाफ की कमी से धूल फांक रहे है। जिला अस्पताल की बात करे तो यहां पर डायलिसिस की सुविधा तो है, लेकिन स्टाफ की कमी के कारण सिर्फ तीन मरीज ही इसका लाभ ले पा रहे है। जिस कारण कई मरीजों का नंबर आते-आते कई दिन लग जाते है। मजबूरन लोगों को मैदानी क्षेत्रों में जाकर इलाज कराना पड़ता है।