बच्चों में स्वयं और धर्म के प्रति गौरव का भाव जागृत करना होगा : भागवत

हल्द्वानी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत ने हल्द्वानी प्रवास के दौरान संघ से जुड़े परिवारों को संबोधित करते हुए बच्चों के दूसरे मतों में शादी करने पर चिंता जताई। संघ प्रमुख ने कहा कि घर के लड़के-लड़कियां छोटे-छोटे स्वार्थों के लिए दूसरे मतों में चले जाते हैं। इतना ही नहीं दूसरे मतों में विवाह भी कर लेते हैं। उन्होंने दूसरे मत वाले से शादी करने वालों को भी गलत ठहराया। संघ प्रमुख ने मतांतरण रोकने के लिए बच्चों को संस्कारवान बनाने और घर से ही तैयार करने की बात कही है। भागवत ने कहा कि बच्चों में स्वयं और धर्म के प्रति गौरव का भाव जागृत करना होगा। पूजन पद्धति, धर्म, संस्कृति का ज्ञान बच्चों को अवश्य होना चाहिए। उन्हें अपने धर्म, उपासना के प्रति आदर भी सिखाना चाहिए। पूजा, भजन, कीर्तन आदि के अर्थ का ज्ञान भी देना होगा, ताकि कोई सवाल पूछे तो बच्चे उसका जवाब दे सकें। उन्होंने कहा बच्चों को सिखाने से पहले बड़ों को स्वयं ही यह सभी बातें सीखनी चाहिए। स्वयं पर गर्व रखते हैं तो ही स्वाभिमान आता है। संघ प्रमुख ने बच्चों से टीन एज में मित्रवत व्यवहार बनाने रखने और उन पर दबाव नहीं बनाने की बात कही। यह भी कहा कि बच्चों में नया सीखने की रुचि होती है इसलिए उनके साथ संवाद बनाए रखना बेहद जरूरी है।

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