बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए टास्क फोर्स, दो हजार से ज्यादा हो चुके कोविड पॉजिटिव

देहरादून। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने बाल रोग विशेषज्ञों की टॉक्स फोर्स गठित की है। यह टॉस्क फोर्स अस्पतालों में बच्चों के इलाज के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के साथ ही बचाव के उपाय भी सुझाएगी। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण के बाद बच्चों के इलाज के लिए एसओपी बनाने का काम भी यह टास्क फोर्स करेगी। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ तृप्ति बहुगुणा की ओर से सोमवार को इस संदर्भ में आदेश किए गए हैं। दरअसल स्वास्थ्य विशेषज्ञ पिछले काफी समय से कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जता रहे हैं जिसमें बच्चों के सर्वाधिक प्रभावित होने का खतरा है। इसे देखते हुए राज्य सरकार व स्वास्थ्य विभाग पर तैयारी का दबाव है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरा गई थी जिस वजह से बड़ी संख्या में लोगों को ऑक्सीजन व बेड की कमी का सामना करना पड़ा था। इसे देखते हुए अब तीसरी लहर व बच्चों के इलाज के लिए मजबूत स्वास्थ्य तंत्र विकसित करने की योजना पर काम शुरू किया गया है।

मई में 0 से 19 साल के दस हजार बच्चे हो चुके संक्रमित
राज्य में दूसरी लहर के दौरान काफी संख्या में बच्चे संक्रमित हुए हैं। पिछले 24 दिनों में 0 से 9 साल के दो हजार से अधिक बच्चे संक्रमित हुए हैं जबकि 10 से 19 साल के आठ हजार बच्चे संक्रमण की चपेट में आए हैं। इसे देखते हुए बाल रोग विशेषज्ञों का ग्रुप बनाया गया है जो एसओपी तैयार करने के अलावा सुविधाओं के विकास पर भी अपनी रिपोर्ट देगा।

प्रो हेमचंद्रा की अध्यक्षता में टॉस्क फोर्स
एचएनबी चिकित्सा विवि के कुलपति प्रो हेमचंद्रा की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स में निदेशक स्वास्थ्य डॉ एसके गुप्ता, पूर्व स्वास्थ्य महानिदेशक व प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ डॉ डीएस रावत, पूर्व स्वास्थ्य महानिदेशक व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अर्चना श्रीवास्तव, निदेशक एनएचएम डॉ सरोज नैथानी, डॉ आलोक सेमवाल, डॉ पीएस रावत, प्रो एनके भट्ट, प्रो गिरीश गुप्ता, प्रो अश्वनी सूद, प्रो अशोक कुमार, डॉ अप्ला गुप्ता, डॉ उत्कर्ष शर्मा, डॉ ऋतु रखोलिया, डॉ अमित सुयाल, डॉ सुधीर चौधरी, डॉ रवि सहोता, डॉ रवि अदालखा, डॉ अशांक ऐरन, डॉ राजेश अग्रवाल और डॉ विकास को शामिल किया गया है।


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